आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी , हैदराबाद द्वारा वर्ष २०१० के हिंदी दिवस के संदर्भ में आंध्र प्रदेश के हिंदी सेवियों और हिंदी साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की गई है. अत्यंत हर्ष का विषय है कि इस वर्ष का हिंदीभाषी लेखक पुरस्कार विगत बीस वर्षों से दक्षिण भारत में हिंदी के उच्च स्तरीय अध्यापन और शोधकार्य के साथ निरंतर विविध विधाओं में श्रेष्ठ आलोचनात्मक तथा सृजनात्मक मौलिक लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा कर रहे डॉ. ऋषभ देव शर्मा को प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है. १९५७ में उत्तर प्रदेश में जन्मे डॉ. ऋषभ देव शर्मा के तीन कविता संकलन 'तेवरी', 'तरकश' तथा 'ताकि सनद रहे ' प्रकाशित हैं. 'तेवरी चर्चा' और 'हिंदी कविता : आठवाँ नवाँ दशक' जैसी समीक्षात्मक कृतियों के अलावा उनकी अनेक रचनाएँ पत्रपत्रिकाओं और ब्लोगों के माध्यम से पर्याप्त लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी हैं. उन्हें एक दर्ज़न से अधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तकों केसंपादन और सहलेखन का भी श्रेय प्राप्त है.
उल्लेखनीय है कि अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष एक तेलुगुभाषी हिंदीसेवी को दिए जाने वाले 'पद्मभूषण मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार' हेतु इस वर्ष डॉ. सी. शेषगिरि राव का चयन किया गया है. संस्था के निदेशक डॉ. के वी एल एन एस शर्मा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पद्मभूषण मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार के लिए नकद एक लाख रुपये तथा हिंदीभाषी लेखक पुरस्कार के लिए पच्चीस हज़ार रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है. विज्ञप्ति के अनुसार इस वर्ष दक्षिण भारतीय भाषेतर हिंदी लेखक पुरस्कार डॉ. किशोरी लाल व्यास को,उत्तम अनुवाद पुरस्कार वाई सी पी वेंकट रेड्डी को तथा तेलुगुभाषी युवा हिंदी लेखक पुरस्कार डॉ. सत्यलता को प्रदान किए जाएँगे. ये तीनों पुरस्कार भी पच्चीस-पच्चीस हज़ार के हैं.
इनके अतिरिक्त तेलुगु और हिंदी भाषियों द्वारा लिखित सोलह हिंदी रचनाओं के प्रकाशन हेतु अकादमी द्वारा दो लाख के आर्थिक अनुदान की भी घोषणा की गई है. ये सभी पुरस्कार १४ सितम्बर को हिंदी दिवस के अवसर पर प्रदान किए जाएँगे.
आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी के पुरस्कारों के लिए चयित सभी हिंदी सेवियों और साहित्यकारों को बधाई !!!
8 टिप्पणियां:
हमारी तरफ़ से भी आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी के पुरस्कारों के लिए चयित सभी हिंदी सेवियों और साहित्यकारों को बधाई ! ओर आप का धन्यवाद इस सुंदर जानकारी को हम तक पहुचाने के लिये
बहुत बहुत बधाई इस गरिमापूर्ण सम्मान के लिए
ऋषभदेव जी का लेखन व साहित्य को योगदान स्तुत्य है
सभी विजेताओं को बधाई। दक्षिण भारत में हिंदी सेवा कर रहे इन महानुभावों का हिंदी साहित्य में योगदान वास्तव में सराहनीय है ।
ऋषभदेव जी का लेखन व साहित्य को योगदान स्तुत्य है
इस उपलब्धि के लिये बहुत बहुत बधाई।
बहुत अच्छी जानकारी।
डॉ. ऋषभ जी को बधाई..
bahut bahut badhai ho sir
atyadhik prassanta hui ye jankar
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