बुद्ध का अस्थि वितरण स्थल - कुशीनगर
महात्मा बुद्ध ने उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिले कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त किया था। इस बात को सभी जानते हैं कि ढाई हज़ार वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने कुशीनगर के हिरणवती नदी के किनारे निर्वाण प्राप्त किया था पर यहाँ किस स्थान पर उनकी अस्थियों का वितरण हुआ था इसकी जानकारी कम लोगों को है। इसलिए यह स्थान उपेक्षित है।
बौद्ध धर्मशास्त्र के अनुसार महात्मा बुद्ध के अस्थि वितरण स्थल को बहुत महत्व दिया जाता है। महात्मा बुद्ध ने जब निर्वाण प्राप्त किया तो अस्थियों को लेकर उनके अनुयायियों में संघर्ष छिड़ गया था। सभी उनकी अस्थियों को अपने साथ ले जाना चाहते थे। उनके अनुयायी द्रोण ने इसका रास्ता निकाला और अस्थियों को सात भागों में बाँटने से लोग संतुष्ट हुए।
कपिलवस्तु के भक्तों ने इसे ले जाकर कपिलवस्तु में स्तूप बनवाया। मगध के नरेश अजातशत्रु ने अपने हिस्से को लेकर बिहार के राजगृह में स्तूप का निर्माण किया। लच्छवियों ने वैशाली में अल्पकप ले गए। वेददीप के ब्रा कणों ने वेददीप में, रामग्राम के कोलियों ने रामग्राम में और कुशीनगर के मल्लों ने अपने हिस्से की अस्थियां कुशीनगर में लेजाकर स्तूप का निर्माण किया।
अंग्रेज़ी लेखक कनिंगघम के अनुसार महात्मा बुद्ध ने कसिया में एक नदी के किनारे निर्वाण प्राप्त किया था। कुशीनगर के पुरातत्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अस्थिवितरण स्थल को विकसित करने की कार्ययोजना बनाई गई है पर इस पर काम शुरू नहीं हुआ है।
[साभार: दैनिक समाचार पत्र ‘स्वतंत्र वार्ता’ के दि. १४ मार्च २०११ के अंक से]
10 टिप्पणियां:
जानकारी भरा आलेख ...आपका आभार
Is amolya jankaari ke liye Dhanyawad!
मैंने तो यहाँ बुद्ध की लेटी प्रतिमा का अवलोकन किया है -भव्य है!
यह तथ्य नहीं ज्ञात था मुझे।
दुर्लभ जानकारी ।
आभार ।
बढ़िया जानकारी के लिए आभार !!
महात्मा बुद्ध की अस्थियों को सात भागोंमें बांटा गया और बुद्ध का अस्थि वितरण स्थल - कुशीनगर भी था ....ये अनोखी जानकारी मिली .....
आपकी अनुदित एक कहानी साहित्य अमृत में भी देखी
बहुत बहुत बधाई .....!!
हमारे लिये यह नयी जानकारी हे, बहुत बहुत धन्यवाद
मुझे बहुत ही कष्ट हुआ पढ़कर.
चलिए अपने अपने हिस्से का बुद्ध हम भी बाँट लें,अगर बाँट सके तो.
सलाम.
सुना है वहां मैत्रेय बुद्ध की विशाल प्रतिमा लगने जा रही थी। जाने क्या हुआ।
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