शनिवार, 2 अक्तूबर 2010

डॉ. गुल्लापल्ली नागेश्वर राव- Dr. Gullapalli Nageshwara Rao

 डॉ. गुल्लापल्ली नागेश्वर राव को २०१० का बर्नार्डो स्ट्रिफ़ स्वर्ण पदक 

विश्व प्रसिद्ध एल.वि.प्रसाद आय इन्स्टिट्यूट की स्थापना सन्‌ १९८७ई. में हुई थी। यह अस्पताल विश्व के तीन संस्थानों में से एक है जो विश्व स्वास्थ संस्था के ‘डब्लू एच ओ विशन २०२०’ के अंतरगत ‘दृष्टि का हक सब को’ प्रोग्राम के अंतरगत चुना गया है।

एल.वि.प्रसाद आय इन्स्टिट्यूट अब विश्व का एकमात्र संस्थान बन गया है जहाँ सब से अधिक कोर्नियल ट्रांस्प्लेंट किये गए है।  इस संस्थान के पीछे डॉ. गुल्लापल्ली नागेश्वर राव की प्रेरणा है और उनकी इन सेवाओं को देखते हुए वर्ष २०१०  का बर्नार्डो स्ट्रिफ़ गोल्ड मेडेल दिया गया है। यह पदक उन्हें जर्मनी के ३२वें वर्ल्ड ओप्थेल्मिक कोंग्रेस के अधिवेशन में दिया गया।  डॉ. राव दूसरे भारतीय हैं जिन्हें यह पदक मिला है।  इसके पूर्व उनके गुरू ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस, दिल्ली के पूर्व निदेशक स्व. डॉ. एल.पी.अग्रवाल को दिया गया था।

सन्‌ १९८२ई. में जब डॉ. राव यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचेस्टर स्कूल ऑफ़ मेडिसिन एण्ड डेन्टिस्ट्री में पढ़ा रहे थे तब उन्हें यह खयाल आया कि भारत में विश्व-स्तरीय नेत्र चिकित्सालय खोलना चाहिए।  इसके लिए उन्होंने इन्डो-अमेरिकन आय केयर सोसाइटी की स्थापना करके धन एकत्रित किया।  उससे अधिक प्रोत्साहन उन्हें उस समय मिला जब दक्षिण के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एल.वी. प्रसाद ने यह इच्छा जताई वे एक अस्पताल बनाने के इच्छुक हैं। डॉ. राव ने श्री प्रसाद के पुत्र रमेश प्रसाद से सम्पर्क स्थापित किया। बात आगे बढ़ी और उस समय के मुख्यमंत्री प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता एन.टी.रामा राव ने इस अस्पताल के लिए आठ एकड ज़मीन बंजारा हिल्स, हैदराबाद में आबंटित की।

एल.वि. आय इन्स्टिट्यूट  की स्थापना पाँच डॉक्टरों और पचास कर्मियों से प्रारम्भ हुई और आज पचास डॉक्टर, ७० नेत्र परिक्षक, पंद्रह वैज्ञानिक, २० अधिकारी और १,२०० कर्मी सेवा में लगे हुए हैं।  अब तक साठ लाख मरीज़ों की चिकित्सा की जा चुकी है।  इस फलते-फूलते अस्पताल और उसकी सेवाओं को देखकर डॉ. गुल्लापल्ली नागेश्वर राव गर्व से कहते हैं कि उन्हें अपने स्वप्न से अधिक आगे बढ़ते इस अस्पताल  को देखकर गर्व होता है।

डॉ. गुल्लापल्ली नागेश्वर राव के इस सेवा भाव से समस्त भारत गौरवान्वित है और उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई देता है॥   

[द वीक के २९ अगस्त २०१० अंक से साभार]    


5 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हमें भी गौरव है।

विवेक सिंह ने कहा…

हमें भी गौरव है । हमारी भी बधाई राव साव को ।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बहुत बढ़िया जानकारी ।
डॉ राव को बधाई । हम सब को उन पर गर्व है ।

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

बधाई!

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

ऐसे नगीनो पर देश को नाज है