शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

कामनवेल्थ खेल का बहिष्कार - चेतन भगत

कामनवेल्थ खेल के बहिष्कार का चेतन भगत का आह्वान  

कॉमनवेल्थ खेल एक ऐसा आयोजन है, जिसमें किसी एक क्षेत्र या प्रदेश विशेष की जनता नहीं, बल्कि पूरे देश की जनता ठगी गई है।  यह सही समय है जब हम भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफ़ाश कर सकते हैं और इसके लिए हमें वही रास्ता अख्तियार करना होगा, जो हमें बापू ने सुझाया है - ‘असहयोग’। कॉमनवेल्थ खेलों का बहिष्कार करें।  न तो खेल देखने स्टेडियम में जाएं और न ही टीवी पर देखें।  हम धोखाधड़ी के खेल में चीयरलीडर की भूमिका नहीं निभा सकते।  भारतीयों का पहले ही काफ़ी शोषण किया जा चुका है।

"क्या हम इसके लिए तैयार हैं ?????"  

[साभार - स्वतंत्र वार्ता-१०-०९-२०१०]

10 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

बिलकुल सही और सच्चा आह्वान ,इस खेल का विरोध होना ही चाहिए | इसके लिए हमसभी ब्लोगर को एक पोस्ट जरूर लिखना चाहिए इस भ्रष्टाचार के गेम के विरोध में ,शर्मनाक है ये गेम...मिडिया का संवेदनहीनता और भी शर्मनाक है ...आपको इस शर्मनाक गेम के विरोध में लिखने के लिए धन्यवाद और आभार ...

गजेन्द्र सिंह ने कहा…

बढ़िया बात कही है आपने ....
एक बार हमें भी पढ़े -
( खुद को रम भगवन को भंग धतुरा ....)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_09.html

राज भाटिय़ा ने कहा…

सहमत है जी आप से

विवेक सिंह ने कहा…

हैं तैयार हम !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बात में बहुत दम है।

RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्मा ने कहा…

यानी कि गांधीगिरी?

Arvind Mishra ने कहा…

दुबारा सोचने दीजिये !

ZEAL ने कहा…

सहमत है आप से !

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

"यह सही समय है जब हम भ्रष्टाचार के खेल का पर्दाफ़ाश कर सकते हैं और इसके लिए हमें वही रास्ता अख्तियार करना होगा, जो हमें बापू ने सुझाया है - ‘असहयोग’। कॉमनवेल्थ खेलों का बहिष्कार करें। न तो खेल देखने स्टेडियम में जाएं और न ही टीवी पर देखें। "

इन भ्रष्ठ मोटी बुद्धि के हिन्दुस्तानियों की समझ मे इतनी सी बात घुस जाती तो फिर बात ही क्या थी प्रसाद जी ! लेकिन नही आज्कल जिम्मेदार पतिदेव इस लिये घूस ज्यादा खा रहे है ताकि उनके बीबी बच्चे सभी खेल स्तेडियम मे जाकर देख सके !

शिवा ने कहा…

हम तैयार हैं !