सोमवार, 2 मई 2011

प्रकाश पाडुकोण - Prakash Padukone




Prakash Padukone at the Tata Open championship.JPG
प्रकाश पाडुकोण [विकिपीडिया के सौजन्य से]

शटल के बादशाह- प्रकाश पाडुकोण


१९५५ में जन्मे प्रकाश पाडुकोण भारत के प्रथम  प्रकाश-पुंज हैं जिन्हें यह गौरव हासिल है कि  इस देश के वे एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने शटल बैडमिंटन का मिनी-ग्रेंडस्लेम प्राप्त किया।   उन्होंने यह सम्मान उस समय अर्जित किया जब सन १९८० में डेनिश ओपन, स्वेडिश ओपन और ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती।

बचपन से ही प्रकाश को शटल का शौक रहा  और सन्‌ १९७१ में, पंद्रह वर्ष की आयु में  नेशनल शटल चैम्पियन बन गए थे।  १९७९ तक पहुँचते-पहुँचते वे नौ बार नेशनल चैम्पियन का खिताब जीत चुके थे।  एशियन तथा कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने देश के लिए कई पदक जीते।

प्रकाश पाडुकोण के खेल जीवन के सब से उत्तम वर्ष १९८० और १९८१ रहे जब उन्होंने १९८० मे ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती और १९८१ में कुलालम्पुर के वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।  उनके लिए गर्व और आश्चर्य का समय तब आया जब उन्होंने स्वर्ण के लिए चीन के हन जियान से मुकाबला करके स्वर्ण पदक हालिस किया था।  प्रकाश अपने पूरे जोश में खेल कर चीन के खिलाड़ी को [जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी माने जाते थे] १५-० और १८-१६ से हरा दिया।  यह हार चीन के दर्शक हज़म नहीं कर सके और पंद्रह हज़ार के दर्शकों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया।  उन्हें आश्चर्य हुआ पर वे अपना संतुलन बनाए रखते हुए कोर्ट से चुपचाप खिसक गए।

आज भी प्रकाश पाडुकोण शटल के लिए अपने को समर्पित किए हुए हैं और बेंगलूरु में निजी बैडमिंटन कोचिंग अकादमी में युवाओं को प्रशिक्षित करने में लगे हैं।  आज शायद प्रकाश को उनकी सुंदर पुत्री दीपिका पाडुकोण के पिता की हैसियत से अधिक जाना जाता है।



6 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

प्रकाश पादुकोण सच में हीरो हैं।

Suman ने कहा…

vaah aap thik hai iska matlab :)
nice post.....

ZEAL ने कहा…

आभार इस बेहतरीन हस्ती से परिचय का।

Sunil Kumar ने कहा…

आज शायद प्रकाश को उनकी सुंदर पुत्री दीपिका पाडुकोण के पिता की हैसियत से अधिक जाना जाता है।
सर जी इसमें से शायद हटा दीजिये यही हमारी मानसिकता है की एक देश के सम्मान को भूल कर फ़िल्मी लोगों को ज्यादा याद रखते है ...

डॉ टी एस दराल ने कहा…

कॉलिज के दिनों में और बाद में भी खूब देखा है उनको और जीत का भी मज़ा लिया है ।
बेशक बेहतरीन खिलाडी रहे हैं ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

प्रकाश पादुकोण जी के बारे जान कर अच्छा लगा, धन्यवाद