भारत का गौरव- अज़ीम हाशम प्रेमजी
‘यथा नाम तथा गुण’ को सार्थक करते भारत के इस अज़ीम शख़्सियत का नाम है- अज़ीम हाशम प्रेमजी। इनका जन्म सन् १९४५ में मुम्बई में हुआ था। पाकिस्तान की स्थापना के बाद इनके पिता को वहाँ के वित्तमंत्री बनने के आह्वान किया गया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। अज़ीम प्रेमजी जब स्टेनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में इलेक्ट्रिकल इंजनीयरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, उनके पिताजी का निधन हो गया और उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर वनस्पति तेल का पैत्रिक व्यसाय सम्भालने के लिए भारत आना पड़ा। २१ वर्ष की आयु में उन्होंने महाराष्ट्र के अमलनेर में स्थापित अपनी वनस्पति तेल कंपनी ‘वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड [विप्रो] का कार्यभार सम्भाला।
वनस्पति तेल से लेकर इंफ़र्मेशन टेक्नोलोज [आइ टी] की लम्बी छलांग लगा कर अज़ीम प्रेमजी भारत के सर्वाधिक सम्पन्न लोगों में अपना नाम दर्ज करा चुके है। उनकी आइ टी कंपनी लगभग एक लाख करोड रुपये की हो गई है और इसमें लगभग पचपन हज़ार कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।
अज़ीम प्रेमजी एक इस्माइली मुसलमान है जो ‘सादा जीवन उच्च विचार’ को सार्थक करने में अपनी कर्मठता समझते हैं। उन्होंने अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को निभाते हुए अपनी संस्था के माध्यम से कई करोड़ की सहायता गरीबों के लिए दी है। भारत को ऐसे कर्मठ पुत्र पर गर्व है॥
11 टिप्पणियां:
देश के इस गौरव को मेरा भी नमन .....
देश के गौरव को मेरा भी नमन ...
अज़ीम प्रेमजी निःसंदेह देश के गौरव हैं...
उम्दा प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!
ऐसे लोग मिसाल हैं हम सबके लिए .....
संक्षिप्त किंतु प्रेरक.
वाह.
प्रेरक प्रस्तुति ...देश के गौरव को मेरा भी नमन ...
अनुकरणीय !
salute to this great man....
बहुत सुंदर सार्थक पोस्ट !
yes...chachu...he is an 'icon'.....
pranam
parichay ke liye dhanywaad.
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