रविवार, 26 सितंबर 2010

प्रो. ऋषभ देव शर्मा को आं.प्र.अकादमी का पुरस्कार




आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी, हैदराबाद [आंध्र प्रदेश] ने  हिंदी दिवस की पूर्वसंध्या पर अकादमी भवन में हिंदी उत्सव का आयोजन किया और अच्छी धूमधाम से २०१० के हिंदी पुरस्कार सम्मानित हिंदीसेवियों तथा साहित्यकारों को समर्पित किए. एक लाख रुपए का पद्मभूषण मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार अष्टावधान  विधा को लोकप्रिय बनाने के उपलक्ष्य में डॉ. चेबोलु शेषगिरि राव को प्रदान किया गया. तेलुगुभाषी उत्तम हिंदी अनुवादक और युवा लेखक के रूप में इस वर्ष क्रमशः वाई सी पी वेंकट रेड्डी और डॉ.सत्य लता को सम्मानित किय गया. डॉ. किशोरी लाल व्यास को दक्षिण भारतीय भाषेतर हिंदी लेखक पुरस्कार प्राप्त हुआ तथा विगत दो दशक  से दक्षिण भारत में रहकर हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा के उपलक्ष्य में डॉ.ऋषभ देव शर्मा को बतौर हिंदीभाषी लेखक पुरस्कृत किया गया. इन चारों श्रेणियों में पुरस्कृत प्रत्येक लेखक को पच्चीस हज़ार रुपए तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.
    
पुरस्कृत लेखकों ने ये सभी पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता शीर्षस्थ साहित्यकार पद्मभूषण डॉ. सी.नारायण रेड्डी के करकमलों से अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद , आंध्र प्रदेश के भारी सिंचाई मंत्री पोन्नाला लक्ष्मय्या तथा माध्यमिक शिक्षा मंत्री माणिक्य वरप्रसाद राव  के सान्निध्य में ग्रहण किए.




इस अवसर पर बधाई देते हुए  डॉ. सी नारायण रेड्डी ने साहित्यकारों का आह्वान किया कि हिंदी के माध्यम से आंध्र प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देशविदेश के हिंदी  पाठकों के समक्ष प्रभावी रूप में प्रस्तुत करें.


डॉ. यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद ने भी ध्यान दिलाया कि अकादमी का उद्देश्य केवल हिंदी को प्रोत्साहित करना भर नहीं  बल्कि हिंदी के माध्यम से आंध्र प्रदेश के प्रदेय से शेष भारत और विश्व को परिचित कराना है.













सम्मान के क्रम में सबसे पहले डॉ. सी.नारायण रेड्डी ने पुष्पगुच्छ दिया.













और फिर प्रशस्तिपत्र, स्मृतिचिह्न एवं सम्मानराशि प्रदान की गई.

                                          सम्मान ग्रहण करते हुए कवि-समीक्षक ऋषभ देव शर्मा .










भारी वर्षा  के बावजूद इस आयोजन में भारी संख्या में हिंदीप्रेमी  उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए.
डॉ. सी.नारायण रेड्डी ने अपनी हिंदी ग़ज़ल भी सुनाई  -'बादल का दिल पिघल गया तो सावन बनता है.' 
सरकारी आयोजन था.सो, मीडिया वाले भी कतारबद्ध थे.अगले दिन हिंदी, तेलुगु और अंग्रेजी के समाचारपत्रों में तो छपा ही, चैनलों पर भी दिखाया गया.  



आंध्र के हिंदी परिवार की एकसूत्रता और आत्मीयता पूरे आयोजन में दृष्टिगोचर हुई.











इस बहाने कुछ क्षण मिलजुलकर हँसने-मुस्कराने के भी मिले.

9 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हार्दिक बधाई हो।

हमारीवाणी ने कहा…

क्या आप भारतीय ब्लॉग संकलक हमारीवाणी के सदस्य हैं?

हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अच्छी सचित्र प्रस्तुति । बधाई ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

आप को हार्दिक बधाई

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

शर्मा जी को बधाई !

ZEAL ने कहा…

शर्मा जी को बधाई और आपको धन्यवाद इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए। !

शरद कोकास ने कहा…

बधाई ।

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

बधाई ....!!

तसवीरें बहुत अच्छी आयीं .....
यहाँ भी हिंदी दिवस पे काफी अच्छे रहे कार्यक्रम पर हम तो तसवीरें नहीं खींच पाए .....!!

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

हृदय से बधाई..आपको इतनी सुन्दर प्रस्तुति के लिए और शर्मा जी को भी...
आभारी हूँ..