चार सौ वर्ष पूर्व गेलिलियो गेलिली (१५६४-१६४२ई.) नामक वैज्ञानिक ने टेलिस्कोप का अविष्कार सन १६०९ई में किया और आकाश पर दृष्टि दौडा़ई थी। उन्होंने निकोलस कोपर्निकस (१४७३-१५४३ई.) के उस कथन का समर्थन किया कि धरती सूर्य के गिर्द घूमती है; जबकि उस समय के धर्मानुसार धरती को समस्त सृष्टि का केंद्र बिंदु माना जाता था। धर्माचार्यों ने जब इस कथन का विरोध किया तो उन्हें खामोश हो जाना पडा़ था, पर सच्चाई तो विद्वानों के सामने आ ही गई थी।
उसी वर्ष एक और वैज्ञानिक व चिंतक जोहनेस केप्लर ने अपनी कृति ‘एस्ट्रोनोमिया नोवा’ में गणित के आधार पर यह प्रतिपादित किया कि मंगल ग्रह का भी एक सुनिश्चित परिक्रमा पथ है और सभी ग्रह इसी प्रकार अपने-अपने निर्धारित पथ पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
आधुनिक खगोल विज्ञान की आधारशिला इन दो महान वैज्ञानिकों के निष्कर्षों पर ही आधारित है। इन महान खगोल शास्त्रियों के अविष्कारों के चार सौ वर्ष बाद संयुक्तराष्ट्र महासंघ ने वर्ष २००९ को अंतर्राष्ट्रीय खगोलविज्ञान वर्ष घोषित किया है। गेलिलियो तथा केप्लर के प्रति आधुनिक खगोलवैज्ञानिकों के श्रद्धासुमन के रूप में इस वर्ष को देखा जा सकता है।
शनिवार, 6 जून 2009
सन२००९- अंतर्राष्ट्रीय खगोलविज्ञान वर्ष
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4 टिप्पणियां:
ज्ञानवर्धक जानकारी।आभार।
JANKAAR KE LIYE DHANYAVAD
a small correction: telescope ka aawishkar 1608 men ho chuka tha, 1609 men Galileo ne usme kafi sudhar kiya tha.
सुधार के लिए लव जी का आभार
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