सोमवार, 19 दिसंबर 2011

पैरोड़ी


सब चीज़ें तक़सीम हुई तब-
मैं घर में सबसे छोटा था
मेरे हिस्से आई अम्मा
- आलोक श्रीवास्तव


इन पंक्तियों को पढ़कर कुछ पैरोड़ी लिखने को मन किया ... तो आलोक भाई से क्षमा मांगते हुए प्रस्तुत है :-


देश में भ्रष्टाचार की धूम मची थी
नेताओं को मिली मलाई
जेल के हिस्से राजा आया


टुकड़े-टुकड़े हुए खादी के जब
बंटे कुर्ते नेताओं में
जन के हिस्से काजा आया


प्यार के किस्से में लैला-मजनूं
रोमियो-जूलियट चर्चा में
हीर के हिस्से रांझा आया


मेरे भाई की शादी में
उसे मिल गई दुल्हन
मेरे हिस्से बाजा आया


राजनीति की माया फैली
पंडित मुल्ला खाली हाथ
गज के हिस्से क्या-क्या आया



14 टिप्‍पणियां:

  1. मेरे भाई की शादी में
    उसे मिली गई दुल्हन
    मेरे हिस्से बाजा आया


    हा हा हा ! मज़ेदार पैरोड़ी ।

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  2. मेरे भाई की शादी में
    उसे मिली गई दुल्हन
    मेरे हिस्से बाजा आया
    :))

    और भला क्या चाहते थे ?

    ये कम है की

    वक्त का तकाजा आया !

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  3. राजनीति की माया फैली
    पंडित मुल्ला खाली हाथ
    गज के हिस्से क्या-क्या आया

    गज के हिस्से ख्वाजा आया :)

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  4. बहुत खूब, बस ऐसे ही बंटवारा कर डाला गया है।

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  5. भइया राजा बजायेंगे बाजा :):)

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  6. :-))
    बहुत सुंदर ....
    हार्दिक शुभकामनायें आपको !

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  7. वाह बहुत सुंदर रचना ...शुभकामनायें

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  8. कमाल की रची हैं परोडी..... बहुत बढ़िया

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  9. बेचारा राजा! मिले केवल 10 प्रतिशत और उसने अपने आकाओं को बांटे 90 प्रतिशत, गया फिर भी वो जेल में।

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  10. मेरे भाई की शादी में
    उसे मिल गई दुल्हन
    मेरे हिस्से बाजा आया

    :-)

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  11. ▬● अच्छा लगा आपकी पोस्ट को देखकर... साथ ही यह ब्लॉग देखकर भी अच्छा लगा... काफी मेहनत है इसमें...
    नव वर्ष की पूर्व संध्या पर आपके लिए सपरिवार शुभकामनायें...

    मेरे ब्लॉग्स की तरफ भी आयें तो मुझे बेहद खुशी होगी...
    [1] Gaane Anjaane | A Music Library (Bhoole Din, Bisri Yaaden..)
    [2] Meri Lekhani, Mere Vichar..
    .

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आपके विचारों का स्वागत है। धन्यवाद।