शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

अंधविश्वास???


भूत प्रेत : अंधविश्वास या सत्य?

भारत के कई प्रदेशों से यदा-कदा जादू-टोने के समाचार मिलते रहते हैं।  ऐस भी हुआ है कि जादू-टोना करने या करवाने के आरोप में गाँववालों ने जान भी ले ली है।  भूत-प्रेत और साया भगाने के लिए तांत्रिकों के पास जाकर टोना-टोटका भी किया जाता है।  इस अंधविश्वास को दूर करने के लिए कुछ समाज-सेवी संस्थाएं अभियान भी चला रही हैं।  पर क्या यह मात्र अंध-विश्वास है या इसमें कुछ तथ्य भी है?  भारत में ही नहीं, विश्व के अन्य देशों में भी भूत-प्रेत होते हैं या नहीं, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।  हाल ही में ब्रिटेन के शाह एडवर्ड के राजमहल में एक साया घूमता देखा गया था।  इसकी पुष्टि वहाँ के कर्मचारियों ने भी की है।  कहा जाता है कि इस राजमहल में शाह की एक पत्नी का सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। तब से उसका साया यदा-कदा वहाँ देखा जाता रहा है।  इस मामले को सुलझाने के लिए तांत्रिकों को बुलाया गया था।  इन तांत्रिकों को वहाँ पैरा-सैकॉलोजिस्ट कहा जाता है।

पूर्व में भी कई देशों में कुछ ऐसी ही विचित्र घटनाओं के समाचार मिलते रहे हैं जिनको साधारण ज्ञान-विज्ञान द्वारा समझ पाना कठिन है।

लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और बाईस यात्री मारे गए थे।  जब हवाई जहाज़ का मलबा साफ करके निकाला जा रहा था तो एक ऊँचे कद के व्यक्ति ने वहाँ आकर पूछा कि क्या उन्हें उसका बस्ता मिला है जिसमें उसके ज़रूरी कागज़ात थे?  वह बेचैनी से बार-बार यही प्रश्न दोहरा रहा था।  आधे घंटे के बाद जब कर्मचारियों ने मलबे में से एक शब को निकाला तो वे डर कर भाग खड़े हुए क्योंकि वह शव उसी व्यक्ति का था जो उस बस्ते के बारे में पूछ रहा था!

अमेरिका जैसा विकसित देश भी ऐसी अनहोनी घटनाओं के समाचारों से नहीं बच सका है।  सब से बड़ा आश्चर्य तो यह है कि वहाँ के राष्ट्रपति भवन [व्हैट हाउज़] में कुछ ऐसी घटनाएँ हुई हैं जिसके साक्षी वहाँ पर निवास कर रहे विभिन्न राष्ट्रपति भी हैं।  यह तो सर्वविदित है कि अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की हत्या की गई थी।  कहते हैं कि कुछ खास मौकों पर उनका साया व्हैट हाउज़ में घूमता देखा गया है।  उनका सबसे प्रिय स्थल है व्हैट हाउज़ की दूसरी मंज़िल पर स्थित शयन कक्ष।  सन्‌ १९३४ में जब फ़्रेंकलिन रूज़्वेल्ट राष्ट्रपति चुने गए थे, तब उन्होंने व्हैट हाउज़ की दूसरी मंज़िल पर स्थित उस कमरे को ही अपना शयन-कक्ष बनाना चाहा था।  उस स्थान की सफ़ाई शुरू करने के लिए कर्मचारी जब वहाँ गए तो देखा कि राष्ट्रपति लिंकन एक काला सूट पहने, सोफ़े पर बैठे अपने जूतों की डोर बांध रहे हैं! जब रूज़्वेल्ट को इस बात की खबर मिली तो उन्होंने अपना शयन-कक्ष वहाँ बनाने का इरादा तर्क कर दिया।

ऐसा नहीं है कि लिंकन के साए को सिर्फ रूज़्वेल्ट के कर्मचारी  ही देख पाये थे।  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल, अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति ट्रूमैन, आइज़नहॉवर तथा केनेडी को भी इस साये से दो-चार होना पड़ा था।

ऐसी कई घटनाएँ हैं जिन्हें किसी तर्क से समझा नहीं जा सकता।  इसीलिए तो कहा जाता है कि जो इसमें विश्वास करते हैं उन्हें किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती और जो विश्वास नहीं करते, उनके लिए कितने भी प्रमाण पर्याप्त नहीं होते॥

16 टिप्‍पणियां:

Satish Saxena ने कहा…

विश्व रहस्यों से भरा पड़ा है हमारी समझ से बहुत दूर ...... विश्व रहस्यों से भरा पड़ा है हमारी समझ से बहुत दूर ......

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सही बात है जो भोगता है वह मानता है बाकि मानने से इंकार करते हैं....अच्छी पोस्ट है।

Sunil Kumar ने कहा…

सही है, यह दुनिया रहस्यों से भरी है .....

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

मुझे कोई भूत प्रेत आज तक तो मिला नहीं, शायद कल कोई आ मिले

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कई तथ्यों को समझना हमारी बुद्धि के परे हो जाता है।

Arvind Mishra ने कहा…

भूत प्रेत आज भी उन हरिजन बस्तियों में पाए जाते हैं जहां अभी विकास की किरण नहीं पहुँची है

Suman ने कहा…

अमेरिका जैसा विकसित देश भी ऐसी अनहोनी घटनाओं के समाचारों से नहीं बच सका है।
यहाँ पर तो सबसे ज्यदा भूत प्रेतों पर विश्वास किया जाता है !
अच्छी पोस्ट !

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

जब तक देख न लो तब तक विश्वास करना कठिन है।

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई…

Amrita Tanmay ने कहा…

सच्चाई जो भी हो पर इसे पढ़ना या जानना अलग रोमांच देता है..

केवल राम ने कहा…

खुदा जितना रहस्यमय है उतना ही इसका विश्व भी......!

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं

डॉ टी एस दराल ने कहा…

प्रसाद जी , दिए गए उदाहरणों के बारे में कोई ठोस प्रमाण न होने की वज़ह से ये अभी तक रहस्य बने हुए हैं ।
लेकिन भूत प्रेत के नाम पर इलाज कर ठगने वाले लोग भारत में भरे पड़े हैं । जबकि यह सत्य है कि भूत प्रेत से सम्बंधित कोई रोग नहीं होता ।

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

पता नहीं दुनिया का सच क्‍या है।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

भूत प्रेत की कहानी तो बहुत सूनी,पर मै इस पर विस्वाश नही करता, सुंदर प्रस्तुति,
new post--काव्यान्जलि : हमदर्द.....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

दुनिया में कितने ही रहस्य हैं जिनके बारे में खोज होनी बाकी है ... ऐसी तमाम बातों को मिथ्या मानना गलत है ...

zoya rubina usmani ने कहा…

ye maan sakte hain ki bhoot dikhte hain, lekin ye baat ki wo aapka kuchh bigad lenge palle nhi padti!!