शनिवार, 31 दिसंबर 2011

ठंडक


ठंडक कैसी कैसी

कल ही की बात है जब मैं ब्लागदर्शन कर रहा था तो ब्लागगुरू बी.एस.पाब्ला जी का ब्लाग ‘ज़िंदगी के मेले’ पर उनका सफ़रनामा मिला।  मोटर साइकल पर यात्रा करते हुए सुंदर चित्रों के साथ दिल दहलाने वाले ठंडक का वर्णन भी था।  इस लेख के अंत में वे बताते हैं-
 ‘गरदन घुमा कर पीछे देखा तो मैडम जी चारों खाने चित्त धरती पर! हड़बड़ा कर मैं उतरा, गाड़ी खड़ी की और हाथ बढ़ाया कि उठो। लेकिन लेटे लेटे ही उलझन भरी आवाज़ आई ‘मेरे हाथ कहाँ हैं, मेरे पैर कहाँ हैं?’ तब महसूस हुआ कि बर्फीली ठण्डी हवाओं के मारे हाथ पैर ही सुन्न हो गए हैं।’  

ठंड के विविध आयाम मस्तिष्क में घूमने लगे और सोंचते सोचते बात दिल को ठंडक पहुँचाने तक चली गई।  ठंड में आदमी अकड जाता है तो शरीर सुन्न हो जाता है और जब हिमाकत में अकड़ जाता है तो मस्तिष्क सुन्न होगा।  इस हिमाकत में वो क्या कर बैठे, कुछ पता नहीं, पर यदि उसकी हिमाकत कामियाब हो गई तो उसके दिल को ठंडक पहुँचेगी।  

हर व्यक्ति के लिए ठंड की व्याख्या भी अलग होती है।  आमीर खान के लिए ठंडा मतलब कोका कोला!  किसी हिरोइन के लिए गाने की सीन क्रिएट होगी और वो गाने लगेगी- मुझे ठंड लग रही है...।  कभी हीरो भी ठंड की शिकायत में कांपते हुए कहेगा- सरका लो खटिया...।  इस प्रकार फिल्मी दुनिया में भी ठंड का बडा रोल होता है, वैसे ही जैसे बारिश या बर्फ़ का! यह और बात है कि यह ठंड कभी अश्लीलता के बार्डर लाइन तक पहुँच जाती है और डायरेक्टर को ‘कट’ कहना पड़ता है और यदि वो चूक गया तो नकटा मामू सेंसर तो है ही।  खलनायक की छाती में ठंडक उस समय पडती है जब वो किसी को ठंडा कर देता है।  हीरो तो ठंडे मिजाज़ का होता ही है और उसे देख कर विलेन के हाथ-पाँव ठंडे पड़ जाते हैं।  है ना,  फ़िल्मों में ठंड  के विविध आयाम!!!

साहित्य में भी ठंड ने अपना रोल अदा किया है।  मुहावरों की शक्ल में ठंड का उपयोग आम बात है जैसे, आँख की ठंडक किसी भी प्रेमी को दिल की ठंडक पहुँचा ही देती है।  जब प्रेमिका का बाप दिख जाता है तो प्रेमी को ठंडे पसीने छूटना स्वाभाविक बात ही कही जाएगी।  हो सकता है कि प्रेम की पींगे बढ़ने के पहले ही उनके इस प्रेम-प्रसंग पर ठंडा पानी फिर जाय।  यदि प्रेमिका को बाप के रूप में विलेन दिखाई दे तो बाप-बेटी के रिश्तों में ठंडक आ जाएगी।  यह और बात है कि दो प्रेमियों को अलग करके बाप के कलेजे में ठंडक पड़ जाएगी।

अब आप ठंडे दिमाग से सोचिए कि ठंड हमें कहाँ से कहाँ पहुँचा सकती है।  ठंडे दिमाग के लिए चाहिए कुछ ठंडा- तो उठाइये ठंडा- यानि कोका कोला॥  

13 टिप्‍पणियां:

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

ठण्‍ड रख टिप्‍पणी भी आ जाएंगी।

केवल राम ने कहा…

ठण्ड एक रूप अनेक .....!

Suman ने कहा…

भाई जी,
ठंडक का यह सीन कट नहीं ओ के नहीं
बस समझिये हिट है ! मजा आ गया पढ़कर !
कोका कोला नहीं गर्मागर्म अदरक की चाय पी रही हूँ !
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें, सदा स्वस्थ रहे !

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

आह लेख ने भी ठंड कर दी

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

मुझे लगता है ठण्ड ने वृद्ध लोगो को भी बौरा दिया है :) खैर, आपको नव वर्ष की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाये, सर जी !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

ठंड उद्दण्ड, ठंड प्रचण्ड...

Amrita Tanmay ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Amrita Tanmay ने कहा…

ठंड के विविध आयाम ने विभिन्न तापक्रम पर ठण्ड का अहसास कराया है. हर क्षण मंगलमय हो..

Arvind Mishra ने कहा…

ठण्ड पर पोस्ट वह भी ठंड में -मार डाला:)

प्रेम सरोवर ने कहा…

प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । नव वर्ष की अशेष शुभकामनाएं । धन्यवाद ।

Smart Indian ने कहा…

अभी मार्ग से बर्फ़ हटाई तो ठंड में भी पसीने छूट गये। नववर्ष की शुभकामनायें!

M VERMA ने कहा…

ठण्ड के इस मौसम में तो सब ठन्डे हो गए

prerna argal ने कहा…

नए साल की हार्दिक सुभकामनायें /
आपकी पोस्ट आज की ब्लोगर्स मीट वीकली (२५) में शामिल की गई है /आप मंच पर पधारिये और अपने सन्देश देकर हमारा उत्साह बढाइये /आपका स्नेह और आशीर्वाद इस मंच को हमेशा मिलता रहे यही कामना है /आभार /लिंक है /
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