सामाजिक मंगलेच्छा के दीपावली पर्व पर हज़ारी प्रसाद द्विवेदी का संदेश
चारों ओर जब अभव का करुण हाहाकार सुनाई दे रहा है, दीपावली अपना मंगल-संदेश लेकर आई है। कई हज़ार वर्ष पहले मनुष्य ने सामूहिक रूप से समृद्ध होने का संकल्प किया था। वह संकल्प आज भी जी रहा है। क्यों न मनुष्य अब इच्छा के बाद प्रयत्न शुरू करे? सामाजिक मंगलेच्छा को आज तक कोई नहीं दबा सका; वह न मरी, न बूढ़ी हुई; जबकि न जाने कितनी व्यक्तिगत आकांक्षाएँ मर कर भूत हो गई, कितने व्यक्तिगत प्रयत्न हमेशा के लिए समाप्त हो गए। दीवाली यह संदेश लेकर आ रही है कि व्यक्ति-मनुष्य की इच्छा भी नश्वर है, प्रयत्न भी नश्वर है; परंतु सामाजिक मनुष्य की इच्छा भी अमर है और प्रयत्न भी अमर होगा। अब व्यक्तिगत प्रयत्नों का ज़माना लद गया। उसकी पूरी परीक्षा हो चुकी। अब सामाजिक मनुष्य की मंगलेच्छा जिएगी और सामाजिक मनुष्य को सब प्रकार की अभावों और बंधनों से मुक्त करने की साधना ही जिएगी॥
[कुटज से साभार]
समस्त ब्लागर बंधुओं को दीपावली की शुभकामनाएँ
[‘साहित्य अमृत’ के अक्टूबर २०११ अंक से साभार ]
31 टिप्पणियां:
Happy Diwali, Sir !
दीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
सार्थक सन्देश ।
हमारी ओर से आपको सपरिवार और सभी ब्लोगर मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ।
सार्थक सन्देश ... दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें....
शुभकामनायें चन्द्रमौलेश्वर जी।
मैं तो व्यक्ति हूं, समाज बनाने में अपना योगदान दूंगा अपनी सामर्थ्य अनुसार। उसमें निस्वार्थ नहीं रहूंगा - अपना अमरत्व तलाशूंगा।
सार्थक सन्देश , दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनायें
दीपावली के पावन पर्व पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ |
way4host
rajputs-parinay
प्रसाद जी, आपको, आपके मित्रों और परिजनों को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें!
प्रसाद जी का ये सन्देश वर्तमान की पहली आवश्यकता है .हमें इसे कार्यान्वित कर समुदाय का प्रयास करना चाहिए..***शुभ दीपावली ***
सामाजिक मनुष्य की इच्छा अमर है और प्रयत्न भी अमर रहेगा ..
.. आपको दीपोत्सव की शुभकामनाएं !!
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं ...
बहुत ही अनोखी उक्ति -वह भी हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की ! बहुत सुन्दर ! दीपावली के शुभ बेला पर --दीपावली की शुभ कामनाएं !
आपका पोस्ट अच्छा लगा । मेर पोस्ट पर आपका स्वागत है । दीपावली की अशेष शुभकामनाओं के साथ---सादर
दीपावली नाम है प्रकाश का
रौशनी का खुशी का उल्लास का
दीपावली पर्व है उमंग का प्यार का
दीपावली नाम है उपहार का
दीवाली पर हम खुशियाँ मनाते हैं
दीप जलाते नाचते गाते हैं
बढ़िया सन्देश आभार
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! लाजवाब प्रस्तुती!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
jahan se hum dekhte hain "samoohik ullas par vayktigat apekshayen" prabhavi lagta hai....
pranam.
सही बात, अच्छा संदेश
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं
सार्थक सन्देश ,
आपके जीवन में उजास, उल्लास, मिठास की वर्षा हो | दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं |
आदरणीय हजारीप्रसाद द्विवेदी जी का सन्देश सब जन हिताय है ही और आपका यह प्रयास भी सराहनीय है कि आप अच्छे संदेशों को संगृहीत ही नहीं करते बल्कि अपनों के साथ उसे बाँटते हैं.
"प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं."
'अब सामाजिक मनुष्य की मंगलेच्छा जिएगी और सामाजिक मनुष्य को सब प्रकार की अभावों और बंधनों से मुक्त करने की साधना ही जिएगी॥'
आदरणीय हजारीप्रसाद द्विवेदी जी का सन्देश सब जन हिताय है ही और आपका यह प्रयास भी सराहनीय है कि आप अच्छे संदेशों को संगृहीत ही नहीं करते बल्कि अपनों के साथ उसे बाँटते हैं.
"प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं."
'अब सामाजिक मनुष्य की मंगलेच्छा जिएगी और सामाजिक मनुष्य को सब प्रकार की अभावों और बंधनों से मुक्त करने की साधना ही जिएगी॥'
"सामाजिक मंगलेच्छा को आज तक कोई नहीं दबा सका; वह न मरी, न बूढ़ी हुई; जबकि न जाने कितनी व्यक्तिगत आकांक्षाएँ मर कर भूत हो गई, कितने व्यक्तिगत प्रयत्न हमेशा के लिए समाप्त हो गए!"
वाह क्या सुचिंतित विचार है !
आपका पोस्ट अच्छा लगा । .मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।
आपका पोस्ट पसंद आया,समय निकाल सके तो मेरे पोस्ट आइये...स्वागत है
बहुत बढ़िया.
मेरा मुख्य ब्लॉग काव्यांजली देखे.....
Shubhkaamnayein !
आदरणीय चन्द्र जी बहुत सुन्दर सन्देश लाये आप द्विवेदी जी के सच है ...कुछ धनात्मक कुछ नया होना चाहिए ..रोशन हो जाए मन तन का हर कोना तो .....
भ्रमर ५
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें.
आपका पोस्ट अच्छा लगा ।मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।
आदरणीय महोदया
अमृता जी का हौज खास वाला घर बिक गया है। कोई भी जरूरत सांस्कृतिक विरासत से बडी नहीं हो सकती। इसलिये अमृताजी के नाम पर चलने वाली अनेक संस्थाओं तथा इनसे जुडे तथाकथित साहित्यिक लोगों से उम्मीद करूँगा कि वे आगे आकर हौज खास की उस जगह पर बनने वाली बहु मंजिली इमारत का एक तल अमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति को प्रेषित अपने पत्र की प्रति आपको भेज रहा हूँ । उचित होगा कि आप एवं अन्य साहित्यप्रेमी भी इसी प्रकार के मेल भेजे । अवश्य कुछ न कुछ अवश्य होगा इसी शुभकामना के साथ महामहिम का लिंक है
भवदीय
(अशोक कुमार शुक्ला)
महामहिम राष्ट्रपति जी का लिंक यहां है । कृपया एक पहल आप भी अवश्य करें!!!!
एक टिप्पणी भेजें