मंगलवार, 21 जून 2011

सोना और सोने की चर्चा


सोना चढ़ा....

मैं रोज़ रात को सोने से पहले टीवी न्यूज़ चैनल लगाता हूँ और लेट जाता हूँ।  यह हर रोज़ की प्रक्रिया है। आज भी ऐसे ही हुआ पर कुछ गज़ब का संयोग रहा।  मैंने न्यूज़ चैनल लगाया और पलंग पर चढ़ा ही था कि टीवी से आवाज़ आई- सोना चढ़ा और जैसे ही तकिया पर सिर टिकाया, टीवी से आवाज़ आई चांदी लुढ़की।  मुझे कुछ आश्चर्य हुआ कि मेरी हरकत और सोने-चांदी के भाव में कैसा संयोगी जुड़ाव है! मेरा पलंग पर चढ़ना मेरे चांदी जैसे बालों से ढके सिर का तकिया पर लुढ़कना सोने-चांदी के भाव से कितना मेल खाता है।

खैर, अब सोने की बात चली है तो इसी पर चर्चा हो जाय। सोने के कितने लाभ होते है इसमें कोई दो राय नहीं।  आदमी के पास सोने लायक बिस्तर हो तो नींद की क्या पूछते हो। बस, लेटते ही खर्राटे भरने लगता है।  वैसे, बिना बिस्तर के भी थका मज़दूर घोड़े बेचकर सोता है।  भले ही सोना उसकी किस्मत में न बदा हो पर सोने से उसे कौन रोक सकता है। दिन भर की मेहनत के बाद निंदिया रानी उस पर मेहरबान हो जाती है।

धनवान के पास तो सोने की खान होती है पर सोने के नाम पर उसे नर्म बिस्तर पर भी नींद नहीं आती।  नींद की गोलियाँ भी कुछ असर नहीं करतीं।  आँख बंद करते ही उसे इन्कम टैक्स रेड और एन्फ़ोर्समेंट पूछताछ के भयानक सपने आते हैं और बैरन अखियों से नींद उड़ जाती है। अब उस पगले को कौन समझाए कि वो तेली का काम बंद कर दे।  कहते हैं ना कि तेली जोड़ें धारों-धार, कुप्पा लुढ़के एक ही बार।  बस रेड हो गया तो सारा जोड़ा हुआ तेल बिखर जाता है,  भले ही उसने इस कुप्पे के लिए न जाने कितने अधिकारों को तेल लगाया हो।

प्रेम के क्षेत्र में भी सोने का काफी महत्व होता है। प्रेमी तो अपनी  प्रेमिका की सुंदरता के कसीदे पढ़ते हुए  सोने जैसी सूरत और चाँदी जैसे बदन की तारीफ करता रहता है तो प्रेमिका भी फिल्मी स्टाइल में गाती फिरती है- ओ मेरे सोना रे, सोना रे, सोना रे। खुश होकर प्रेमी उसे सोने के उपहार देता है। वह खुशनसीब दिन भी आता है जब दोनों का ब्याह हो जाता है।  अब उपहार में सोने की जगह चाँदी ले लेती है।  ब्याह के कुछ वर्षों बाद जब पति उसके पास प्रेमपूर्वक जाता है तो वह गुस्से में कहती है- सो ना रे, सो ना रे, सो ना रे।

उमरिया कटती जाती है। काया धातु की खान बन जाती है। सोना, चांदी अब देह में दिखाई देने लगते हैं। सिर पर चांदी जैसे बाल, मुँह में सोने के दाँत और शीश भरे घुटनों में इतनी ऐंठन कि चलने में भी कठिनाई हो तो व्यक्ति व्याकुल हो जाता है।  अब न उसे सोने की चाह रहती है और न उसे नींद आती है, बस... कटते हैं दिन इस तरह, करवट बदल बदल के... और वह टकटकी लगाए अलमारी में रखे सोने की रखवाली में दिन गुज़ारता है।  क्या जाने कब आँख लग जाए॥

15 टिप्‍पणियां:

  1. सोना कितना सोना है, सोने जैसा तेरा मन। सोने का तो नाम ही मत लो। सोने की जगह बिस्‍तर पर सोना ही अच्‍छा है। अभी शादियों का मौसम है, उपहार देने के लिए सोने की खरीद आवश्‍यक है, लेकिन भाव सुनकर ही होश उड़ गए हैं। लेकिन मरता क्‍या न करता? खरीदना तो पड़ेगा ही।

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  2. श्रीमान जी सोना और सोना दोनों ही अच्छा है | वह खुश किस्मत है जिनको दोनों मिल जाते है |
    उम्मीद है है आप भी उन्हीं में से एक है |

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  3. वाह..क्या खूब ...लेख पढ़ कर मन आनंदित हो गया !

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  4. सोने का जिक्र आया और मुझे भी सोने के लिये जाना है नींद आ रही है

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  5. खूब .... वैसे दोनों ही तरह के सोने तक़रीबन हर इन्सान को लुभाते हैं ....

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  6. भाई जी,
    आपके य्वंग भी दिनबदिन सोने जैसे निखरते
    जा रहे है ! मजा आ गया पढ़कर !
    आप तो खुदपर भी इतना बढ़िया व्यंग कर सबको
    हँसा देते हो ! बधाई ......

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  7. सोने से सोना आता है,
    चाँदी सा रूप डराता है।

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  8. क्या बात है, इसमें कोई शक नहीं जीवन में दोनो ही सोने का अहम महत्व है। लेकिन जानते हैं आपके पास अधिक सोना हो तो भी सो नहीं सकते और सोना ना हो तब तो सोना हो ही नहीं सकता।

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  9. .
    अपके पलँग पर चढ़ने के साथ ही सोने का चढ़ना बहुत महत्वपूर्ण शगुन है... शुक्र मनाइये कि कोई सटोरिया इसे न पढ़ रहा हो ।
    अधिकाँश स्त्रियों को दोनों तरह के सोने से बड़ा लगाव है । आज ही एक विज्ञापन देखा.. जिससे यह सँदेश मिलता है कि, अपनी शादी को नये जैसा रखने के लिये सोने का उपहार देना अचूक नुस्खा है ।

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  10. यहाँ भविष्य की झलक देख कर आगाह हुआ -आभार

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  11. आप वाकई सोना हैं ...शुभकामनायें और बधाई आपको !!

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  12. सोना और चादी की शानदार उपमा।
    आपके दूसरे पद से याद आया
    ""फुटपाथ पे सोजाता है अखबार बिछा कर
    मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाता।""
    आपके तीसरे पद के सम्बंध में निवेदन है कि
    ""कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
    वो खाये बौरात है ये पाये बौरात ""
    सो ना रे सो ना रे बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति
    अन्तिम पैरा के सम्बंध में निवेदन है कि फिर जिन्दगी भार बनने लगती है और जिन बुजुर्गो ने बचपन में हमे दीर्घायु का आशीर्वाद दिया था उन पर गुस्सा आने लगता है
    ""मुसीबत और लम्बी जिन्दगानी
    बुजुर्गो की दुआ ने मार डाला""

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  13. आजकल मैं सोने के चक्कर में हूँ , आपने सोने की बात की तो मैंने सोने से पहले इसे तकिये के नीचे रख लिया. आपने बड़े बड़े व्यंगकारो को सोने नहीं दिया, इसका उन्हें खेद होगा.मेरा भी नाम अपने चाहने वालों में लिख लें.
    गोपाल शर्मा (वेंतेया शाश्त्री)

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  14. अपना अपना प्यार..किसी को बिस्तर पर सोना प्यारा है तो किसी को खुद पे लटकाना..या रखवाली करना...बढ़िया
    पोस्ट..

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आपके विचारों का स्वागत है। धन्यवाद।