बदलता पर्यावरण-सावधान रहें
टोरेन्टो विश्वविद्यालय तथा ओरेगां राज्य विश्वविद्याल्य के शोधार्थियों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि दक्षिणी ध्रुव के पश्चिमी क्षेत्र की बर्फ़ पिघलने से विश्व की समुद्री ऊँचाई पाँच मीटर तक बढ़ सकती है।
दूसरी ओर, समुद्री सतह से १४,००० फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित चीन के दक्षिण में ली ज्यांग में स्थित जेड ड्रेगन स्नो पहाडी़ का १.७ मिल लम्बा बाइशूई हिमनद[ग्लेशियर] दो दशक में ८३० फ़ीट पिघल चुका है। बताया जाता है कि अब उसके पिघलने की रफ़्तार और तेज़ हो गई है। चीनी विशेषज्ञ याओ तान्डंग का मानना है कि यदि ऐसी ही परिस्थिति रही तो अगले चालीस वर्ष में यहाँ के दो तिहाई हिमनद गायब हो जाएंगे!
अब यह विश्व के नेताओं के हाथ में है कि इस विश्व के पर्यावरण को बचाने के लिए वे एकजुट होकर प्रयास करते हैं या अपने-अपने लाभ के लोभ में इस धरती को य़ूँ ही पिघलने देते हैं जो अंततः जल प्रलय में परिणित होगी!!!!!!
अपने यहाँ गंगोत्री का ग्लेशियर भी तो छोटा होता जा रहा है न!
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