tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post1362987486384182763..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: कानूनदां ब्लागर ध्यान दें!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-3789341483759373712009-11-25T19:20:32.330+05:302009-11-25T19:20:32.330+05:30कुछ घालमेल सा है -काटजू जी ऐसे बोल्ड निर्णयों के ल...कुछ घालमेल सा है -काटजू जी ऐसे बोल्ड निर्णयों के लिए जाने जाते रहे हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-69791147093522476082009-11-22T13:59:34.461+05:302009-11-22T13:59:34.461+05:30on the same analogy, theft is not null & void,...on the same analogy, theft is not null & void, it still has occurred, not that the thief now owns whatever he had picked up. Like the 2nd marriage does still stand.Luvhttps://www.blogger.com/profile/09581157871922240656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-30940467806582797612009-11-22T04:42:39.235+05:302009-11-22T04:42:39.235+05:30अच्छी जानकारी है ।अच्छी जानकारी है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-48105228920106905902009-11-21T14:02:40.463+05:302009-11-21T14:02:40.463+05:30lav ji, On the same anology does it mean that the...lav ji, On the same anology does it mean that theft is punishable but is not a crime? :)<br />डॊ. श्याम जी, इससे अच्छा हो कि संशोधन करके एक पत्नी का प्रावधान ही निकाल दें ताकि कोई भी पुरुष एक नारी से शादी करने के बाद एक रखैल रखे, लिव इन रिलेशन भी रखे ... जब तक दम में दम है :)क्या हम गोमोरोह की ओर बढ़ रहे हैं?चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-22569455275579756842009-11-21T05:52:55.635+05:302009-11-21T05:52:55.635+05:30यही नहीं एक पत्नी के रहते हुए लिव-इन रिलेश्न वाली ...यही नहीं एक पत्नी के रहते हुए लिव-इन रिलेश्न वाली महिला को पहले भरण -पोषण का अधिकार दिया गया अब एक फ़ैसले के आधार पर लिव इन वाली महिला दहेज का केस भी कर सकती है ऐसा इसी सप्ताह के स्टेटमेन ने लिखा है-क्या यह विवाह पर आघात नहीं है और तो और इस लिव इन में पुरूष अपने restoration of conjugal rights का मुद्दा नहीं उठा सकता।भारत का संविधान सबको बराबरी का हक देता है फ़िर केव्ल महिला को सारे हक क्यों ? कृपया इस बारे में शोध कर के लिखें।gazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-56705401386012931992009-11-21T02:42:04.407+05:302009-11-21T02:42:04.407+05:30Section 494 does not say that the marriage in null...Section 494 does not say that the marriage in null & void, it only says that "...shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine..."Luvhttps://www.blogger.com/profile/09581157871922240656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-26545832772900587612009-11-20T02:02:11.126+05:302009-11-20T02:02:11.126+05:30लॉजिकली गलत लगता है पर कानून...वो तो कानूनीविद ही ...लॉजिकली गलत लगता है पर कानून...वो तो कानूनीविद ही बता पायेंगे.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-41531084610355022742009-11-20T00:33:23.818+05:302009-11-20T00:33:23.818+05:30गलत गलत ओर गलत है, नारी कभी नही चाहती की उस के हिस...गलत गलत ओर गलत है, नारी कभी नही चाहती की उस के हिस्से का प्यार उस की सोतन या उस की सगी बहन भी ले, क्या मर्द चाहे गा कि उस की बीबी दुसरी शादी करे? ओर पहले के साथ साथ दुसरे मर्द के संग भी रहे? अगर नही तो यही बात दुनिया की हर नारी के संग है, अगर हम मजबुर कर दे तो यह अलग बात है, ओर हम फ़िर उस नारी के दिल मै नही रह सकते, क्योकि किसी को मजबुर कर के प्यार नही पाया जाता. कानून ओर धर्म तो बहुत बाद की बात हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-34354042549728806322009-11-20T00:25:33.367+05:302009-11-20T00:25:33.367+05:30ek mard ki galti kai logon ki zindagi tabaah kar d...ek mard ki galti kai logon ki zindagi tabaah kar deti hai....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-78688143042997261702009-11-20T00:18:40.439+05:302009-11-20T00:18:40.439+05:30प्रसाद जी ,
मुझे लगता है आप इस मामले को अलग नजरिये...प्रसाद जी ,<br />मुझे लगता है आप इस मामले को अलग नजरिये से देख रहे हैं ..कानून का पहला मकसद होता है विवाद को हल करना या उसे फ़ैसले तक पहुंचाना । यानि एक छत के नीचे , एक व्यक्ति की दो पत्नियां तब तक रह सकती हैं जब तक दोनों में विवाद न हो ..। मतलब कानून का वहां कोई काम नहीं ॥ अब रही उपर के मामले में तो यहां तो दोनों को ही लाभ पहुंचाने की कोशिश जैसा न्याय किया गया है ॥ वैसे भी यदि ये अपराध था तो तो उस व्यक्ति के लिये था जिसने दो विवाह किए ..। इसे अदालत के मानवीय फ़ैसले की तरह देखा जाना चाहिये..।विधिक पक्ष पर तो कानूनविद ही ज्यादा बेहतर बता पाएंगे ॥अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-52594993377484748462009-11-20T00:01:34.159+05:302009-11-20T00:01:34.159+05:30बाल विवाह और नाबालिग विवाह में एक ही नारी केंद्र म...बाल विवाह और नाबालिग विवाह में एक ही नारी केंद्र में है। यहां एक नारी दूसरी नारी का पति छीन रही है और उसकी नौकरी भी :(चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-44068625203952690462009-11-19T23:25:33.615+05:302009-11-19T23:25:33.615+05:30सोलह वर्षीय बालिका के विवाह को ...सोलह वर्षीय बालिका के विवाह को ...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-72850066037955759462009-11-19T23:24:21.407+05:302009-11-19T23:24:21.407+05:30चंद्र मौलेशवर जी ,
सर्वोच्च न्यायालय बहुत बार इस त...चंद्र मौलेशवर जी ,<br />सर्वोच्च न्यायालय बहुत बार इस तरह के फ़ैसले लेती है जो बेशक ऊपरी तौर पर कानून से परे जाने जैसा लगता है ...मगर वास्तव में इंसाफ़ की कसौटी पर खरा उतरता है । खास कर वैवाहिक मामलों तो ये अक्सर देखने सुनने में आता है । आपको शायद ध्यान हो एक सोलह वर्षीय बालिका को अपने अकाट्य तर्कों और कारणों से वैध ठहराया था ..यानि बालिग मान कर ॥ हां सामान्य स्थितियों में ये कानून वैसे ही रहता हैअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-20382890426701554142009-11-19T23:10:12.519+05:302009-11-19T23:10:12.519+05:30जहॉं तक हमें ज्ञात है भले ही दूसरा विवाह अवैध हो, ...जहॉं तक हमें ज्ञात है भले ही दूसरा विवाह अवैध हो, दूसरी पत्नी के कानूनी अधिकार बने रहते हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि वाल विवाह तो अवैध है पर इस विवाह के फल से बनी पत्नी तथा उसके बच्चों के कानूनी अधिकार बने रहते हैं।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-53136074740305214702009-11-19T23:06:57.194+05:302009-11-19T23:06:57.194+05:30मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी प्रकार से ठिक होगा, ख...मुझे नहीं लगता कि यह किसी भी प्रकार से ठिक होगा, खासकर हिन्दू समाज के लिए । ऐसे फैसले हिन्दुओं पर अप्रत्यक्ष रुप से वार है । मिला जुड़ाकर सरकार की यही चाहत है कि हिन्दुओं को आहत किया जाये ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.com