tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post967853475259999718..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: एक कहानीचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-18427156652361953702011-08-18T09:44:48.230+05:302011-08-18T09:44:48.230+05:30भैया आज तो आपने रुला ही दियाभैया आज तो आपने रुला ही दियाAbhishekhttps://www.blogger.com/profile/14669666602026376340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-57629455761904292052011-08-17T20:58:50.704+05:302011-08-17T20:58:50.704+05:30माँ ने अपने फर्ज निभाए , किन्तु बेटा कुपूत निकला !...माँ ने अपने फर्ज निभाए , किन्तु बेटा कुपूत निकला !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-31322416302304719882011-08-17T20:16:03.108+05:302011-08-17T20:16:03.108+05:30bhav-vibhor kar dene wali marmik prastuti. thanks....bhav-vibhor kar dene wali marmik prastuti. thanks.Dr.Sushila Guptahttps://www.blogger.com/profile/04450307347493420306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-85847084243050356312011-08-17T08:41:15.243+05:302011-08-17T08:41:15.243+05:30गहरी अनुभूति से निकला सच। बच्चे जब आते हैं तो हम ...गहरी अनुभूति से निकला सच। बच्चे जब आते हैं तो हम मशीन बन जाते हैं। हम उनकी हर खुशी का ध्यान रखते हैं लेकिन वे नश्तर चुभोने में ही अपनी शान समझते हैं। अभी माँ इन्तजार करती है, पकवान बनाती है, लेकिन कुछ वर्षों के बाद शायद यह इन्तजार समाप्त हो जाएगा। बस सब मशीन बन जाएंगे। छोटी कहानी के माध्यम से बहुत कुछ कह दिया है। इस सच को बहुत गहराई से अनुभूत कर रही हूँ।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-32165131916432500482011-08-16T21:15:31.500+05:302011-08-16T21:15:31.500+05:30यह कहना कठिन था कि वह पुत्र की विदाई से दुखी होकर ...यह कहना कठिन था कि वह पुत्र की विदाई से दुखी होकर बैठी है या महिने भर की भाग-दौड़ से निश्चिंत होकर सुकून की साँस ले रही है।<br />यही है जिदगी ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-37221436884956187202011-08-16T19:04:08.586+05:302011-08-16T19:04:08.586+05:30बहुत बढ़िया मार्मिक कहानी !
आभार भाई जी...बहुत बढ़िया मार्मिक कहानी !<br />आभार भाई जी...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-8316771904933681212011-08-16T15:51:18.590+05:302011-08-16T15:51:18.590+05:30समय के साथ बदलाव आना तो निश्चित ही है .
गौतम वापस...समय के साथ बदलाव आना तो निश्चित ही है . <br />गौतम वापस आया और महीना भर वहां रहा भी , यही बहुत है . <br />वर्ना बहुत से लोग तो होटल में रह कर चले जाते हैं . <br /><br />विकसित और विकासशील देशों में जो फर्क है , वह तो नज़र आएगा ही . <br />मेरे विचार से भावुक होकर गौतम को दोष देना पूर्णतया सही नहीं है .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-85576575176658750192011-08-16T12:22:27.199+05:302011-08-16T12:22:27.199+05:30मार्मिक ...बहुत ही मार्मिक कहानी....मार्मिक ...बहुत ही मार्मिक कहानी....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-79112161144385726202011-08-16T10:47:23.641+05:302011-08-16T10:47:23.641+05:30उफ़ ....
मार्मिक...इस माँ से पूंछ कर देखिये !
य...<b>उफ़ ....<br /><br />मार्मिक...इस माँ से पूंछ कर देखिये ! <br /><br />यह नव कुबेर समय के साथ माता पिता को भी इन्फेक्शियास समझाने लगेंगे ! माँ बेचारी आखिर माँ ही है वह क्या कर पायेगी शक्तिशाली पुत्र के आगे और बेटा मूर्ख माँ से क्या समझेगा ? <br /><br />आपको हार्दिक शुभकामनायें !</b>Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-79860443707202353882011-08-16T09:00:44.877+05:302011-08-16T09:00:44.877+05:30प्रेम का स्वरूप अजब होता है, प्रेम लुटाने वाला सदा...प्रेम का स्वरूप अजब होता है, प्रेम लुटाने वाला सदा ही संतुष्ट ही रहेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-23897206870620197922011-08-16T08:10:47.406+05:302011-08-16T08:10:47.406+05:30सकून की सांस! बेहतरीन रचना !सकून की सांस! बेहतरीन रचना !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-38812154017045822372011-08-16T07:02:02.890+05:302011-08-16T07:02:02.890+05:30किसको दोष दें गौतम को या बदलते वक्त को , संवेदनशील...किसको दोष दें गौतम को या बदलते वक्त को , संवेदनशील रचना , आभारSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-17098664584896010212011-08-16T05:28:07.619+05:302011-08-16T05:28:07.619+05:30न जाने क्यों आते हैं यह बदलाव...... सच की बानगी कह...न जाने क्यों आते हैं यह बदलाव...... सच की बानगी कहानी डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-46906071137870098822011-08-16T04:38:33.796+05:302011-08-16T04:38:33.796+05:30ऐसे व्यवहार के बाद वह महिने भर की भाग-दौड़ से निश...ऐसे व्यवहार के बाद वह महिने भर की भाग-दौड़ से निश्चिंत होकर सुकून की साँस ही ले सकती है ..<br /><br />बहुत अच्छी प्रस्तुति !! <br /><br />और देखिए एक भेंट आपके लिए <br /><br /><a href="http://tobeabigblogger.blogspot.com/2011/08/right-place.html" rel="nofollow"><b>मेंढक शैली के हिंदी ब्लॉगर्स के चिंतन का स्टाइल</b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-80269799717958766772011-08-15T23:38:53.742+05:302011-08-15T23:38:53.742+05:30ऐसे व्यवहार के बाद वह महिने भर की भाग-दौड़ से निश...ऐसे व्यवहार के बाद वह महिने भर की भाग-दौड़ से निश्चिंत होकर सुकून की साँस ही ले सकती है .. बहुत अच्छी प्रस्तुति !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-13319278148531242822011-08-15T23:23:30.034+05:302011-08-15T23:23:30.034+05:30धन्यवाद गुरूजी !!!
बहुत दिन के बाद एक परिवार का वा...धन्यवाद गुरूजी !!!<br />बहुत दिन के बाद एक परिवार का वास्तविक चित्रण को आप की कहानी में पढ़कर बहुत खुश हुवा !!!!<br />आभार!!!राधा कृष्ण मिरियाला https://www.blogger.com/profile/07501786787430572561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-25206945973491544782011-08-15T22:33:12.900+05:302011-08-15T22:33:12.900+05:30जीवन विरोधाभासों का संगम है .....लेकिन फिर भी हम ...जीवन विरोधाभासों का संगम है .....लेकिन फिर भी हम अनचाही आसें लगाये बैठते हैं .....! लेकिन जो व्यक्ति जमीं से जुड़ा होता है वह हर परिस्थिति में वैसा ही रहता है जैसे वह पहले था और यह वास्तविक जीवन की निशानी है ...सोचने पर विवश करती कहानी ...प्रासंगिक बन पड़ी है .....आपका आभारकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com