tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post9011635158101586322..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: सोलहवां साल- स्त्री विमर्शचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-33033726386924117702011-07-19T03:32:33.526+05:302011-07-19T03:32:33.526+05:30बहुत ही मर्मस्पर्शी संस्मरण है, साथ ही एक विशेष सम...बहुत ही मर्मस्पर्शी संस्मरण है, साथ ही एक विशेष समय के स्त्री विमर्श संबंधी मुद्दें को इतने सहज संस्मरणात्मक रूप में प्रस्तुत करना बहुत ही प्रभावशाली है। <br />दूसरे औसतन व्यक्ति अपने अतीत की स्मृतियों में ही क्यूँ सुख पाता है ये सोचने की बात है।<br />तीसरे पद्मा सचदेव के इस संस्मरण से उनके लेखन के संघर्ष पर भी काफी प्रकाश पड़ता है। ज्ञानवर्धन करने के लिए आपका आभार।बलविंदरhttps://www.blogger.com/profile/01868160514388255758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-47709813181055254192011-07-17T23:05:02.130+05:302011-07-17T23:05:02.130+05:30एक ह्रदयस्पर्शी संस्मरण से अवगत कराने का आभार.एक ह्रदयस्पर्शी संस्मरण से अवगत कराने का आभार.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-13614713981019359592011-07-16T23:07:18.439+05:302011-07-16T23:07:18.439+05:30पद्मा सचदेव जी का जीवन भी काफी कष्टमय रहा .....
तभ...पद्मा सचदेव जी का जीवन भी काफी कष्टमय रहा .....<br />तभी उनकी लेखनी भी दर्द उगलती है .....<br />मेरे पास उनका संकलन है ....<br />पर ये नई जानकारी थी .....<br />आभार .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-56424278507256494012011-07-16T00:17:47.787+05:302011-07-16T00:17:47.787+05:30अहाहा.. कि भालो टॉपिक !
फिरे आश्छी, ताड़पॅड़ विस्तृत...<i>अहाहा.. कि भालो टॉपिक !<br />फिरे आश्छी, ताड़पॅड़ विस्तृत विबेचन कोरते होबो !<br /></i>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-71960450070332206162011-07-15T20:39:31.625+05:302011-07-15T20:39:31.625+05:30अच्छा संस्मरणात्मक आलेख....
प्रस्तुति के लिए आभार....अच्छा संस्मरणात्मक आलेख....<br />प्रस्तुति के लिए आभार.Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-49785393540038831872011-07-15T19:14:52.447+05:302011-07-15T19:14:52.447+05:30बहुत मर्मस्पर्शी लेख .
जिंदगी में बहुत से पछतावे र...बहुत मर्मस्पर्शी लेख .<br />जिंदगी में बहुत से पछतावे रह जाते हैं . इसलिए आगे की ओर देखना ही सही है .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-75717027089384459532011-07-15T18:50:31.457+05:302011-07-15T18:50:31.457+05:30बहुत सुंदर भाई जी,
पढ़ते पढ़ते कई पंक्तियाँ मन को ...बहुत सुंदर भाई जी,<br />पढ़ते पढ़ते कई पंक्तियाँ मन को बहुत<br />भावुक कर गई ! आभार आपका !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-35053482763090416402011-07-15T18:04:00.787+05:302011-07-15T18:04:00.787+05:30बहुत भावपूर्णबहुत भावपूर्णArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-70363455799103526682011-07-15T13:34:30.204+05:302011-07-15T13:34:30.204+05:30परिस्थितियाँ समय के पहले ही बूढ़ा कर देती हैं।परिस्थितियाँ समय के पहले ही बूढ़ा कर देती हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-37685646809602257302011-07-15T11:47:11.869+05:302011-07-15T11:47:11.869+05:30पिता का साया सर से उठने के बाद अल्हड़पन एवं खिलंदड़ा...पिता का साया सर से उठने के बाद अल्हड़पन एवं खिलंदड़ापन तिरोहित हो जाता है, उपर देखने पर छतरी नजर नहीं आती, जो ढंक कर रक्षा करती थी आने वाली विपदाओं से, सिर्फ़ आसमान ही नजर आता है।<br /><br />अच्छा संस्मरण है<br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-23215260648121264262011-07-15T11:20:48.077+05:302011-07-15T11:20:48.077+05:30अच्छा संस्मरणात्मक आलेख....
प्रस्तुति के लिए आभार....अच्छा संस्मरणात्मक आलेख....<br />प्रस्तुति के लिए आभार.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.com