tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post8950776915886228869..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: घूस का लेन-देनचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-84446730768298918532011-10-23T11:19:02.887+05:302011-10-23T11:19:02.887+05:30मुझे तो कोई समाधान नजर नहीं आता! अण्णा हजारे की टी...मुझे तो कोई समाधान नजर नहीं आता! अण्णा हजारे की टीम पर जैसे सुनियोजित प्रहार हो रहे हैं; उससे लगता है कि भ्रष्टाचार को ईमानदारी से नहीं मिटाया जा सकता! :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-10495526553745400572011-10-23T05:08:51.858+05:302011-10-23T05:08:51.858+05:30चिंतनपरक -भ्रष्टाचार अब इस देश की दैनन्दिनी है समा...चिंतनपरक -भ्रष्टाचार अब इस देश की दैनन्दिनी है समाज में रच बस गया है ..नैतिकता का पूर्ण क्षरण इसका जिम्मेदार है ....हम दूसरे का भ्रष्टाचार देखने को आदी हो गए हैं खुद अपने गिरेबान में नहीं झांकते ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-60295537555097081432011-10-22T03:00:01.157+05:302011-10-22T03:00:01.157+05:30सटीक लिखा है ..
विचार करने योग्य बातें !!सटीक लिखा है ..<br /><br />विचार करने योग्य बातें !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-47038707493363389722011-10-19T15:15:42.278+05:302011-10-19T15:15:42.278+05:30सुधरने की ओर एक कदम तो बढ़ाएं ... विचारणीय पोस्टसुधरने की ओर एक कदम तो बढ़ाएं ... विचारणीय पोस्टसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-11587993086632600322011-10-19T14:27:11.013+05:302011-10-19T14:27:11.013+05:30६३ वर्षों में या कहिये सदियों से भारत में भ्रष्टाच...६३ वर्षों में या कहिये सदियों से भारत में भ्रष्टाचार रहा है किसी न किसी लेवल पर और ये इतनी आसानी से नहीं जाने वाला सख्त क़ानून के बिना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-24794461953092130372011-10-19T08:57:47.154+05:302011-10-19T08:57:47.154+05:30आपने बिल्कुल सही बात कही है चंद्र जी ।और सच तो ये ...आपने बिल्कुल सही बात कही है चंद्र जी ।और सच तो ये है कि अब तो ये और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है , सार्थक चिंतन करती पोस्टअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-81731466538892297412011-10-18T23:12:18.259+05:302011-10-18T23:12:18.259+05:30आप का जन्म विश्व स्वास्थ दिवस पर हुवा ..इस लिए आपन...आप का जन्म विश्व स्वास्थ दिवस पर हुवा ..इस लिए आपने मेरे ब्लॉग में दिल और गुर्दे की ही बात लिखी... :)) आपका आभार ..<br />आपने जिस मुद्दे पर बात उठाई है ...आपका लेख सामयिक है.. और तथ्यों के साथ है ...लेकिन मुल्क की जड़ों तक भ्रष्टाचार पहुच चुका है.. बहुत मुश्किल होगी इस को जड़ से हटाना ..डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-38478190803921685232011-10-18T21:31:21.531+05:302011-10-18T21:31:21.531+05:30.
भारत की सड़कों पर इतने पढ़े-लिखे बेरोज़गार घूम ....<br /><br />भारत की सड़कों पर इतने पढ़े-लिखे बेरोज़गार घूम रहे हैं। यदि सारे भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ़ कार्रवाई करके उन्हें निकल दिया जाए और इन बेरोज़गारों को नौकरी दी जाए तो इससे दो लाभ होंगे। एक तो कार्यालयों में ईमानदारी आने की संभावना बढ़ जाएगी क्योंकि नए कर्मचारी भ्रष्टाचार का परिणाम देख चुके होंगे। दूसरे, यदि वे भी भ्रष्ट बनें तो उनकी जगह दूसरे बेरोज़गार को रोज़गार दिया जा सकेगा। इस प्रकार बेरोज़गारी की समस्या का हल भी हो सकेगा।.....<br /><br />Great suggestion ! It will surely work .<br /><br />Very appealing post indeed .<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-12233256014980472322011-10-18T20:26:51.993+05:302011-10-18T20:26:51.993+05:30आपका सुझाव भी अच्छा है बेरोजगारों को मिल कर नौकरिय...आपका सुझाव भी अच्छा है बेरोजगारों को मिल कर नौकरियों से निकालना शायद देश के लिए लाभप्रद सीध हो मगर उसे पहले हमे खुद को सुधारना होगा। क्यूंकी इस भ्रष्टाचार के जिम्मेदार कहीं न कहीं हम खुद ही हैं ....समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है। <br /> http://mhare-anubhav.blogspot.com/Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-36495439958535426482011-10-18T18:39:55.099+05:302011-10-18T18:39:55.099+05:30इसका मतलब तो यही हुआ कि खरबूजा को देख सब उसी रंग क...इसका मतलब तो यही हुआ कि खरबूजा को देख सब उसी रंग के हो जाए. अजीब हालत हो गये हैं. ईमानदार भी डर से अब भ्रष्ट हो जाए..तो इसे जड़ से कौन ख़त्म करेगा..?Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-74211855455126041792011-10-18T18:37:27.115+05:302011-10-18T18:37:27.115+05:30असली इमानदार वही कहलायेगा जिसे अवसर मिले और रिश्वत...असली इमानदार वही कहलायेगा जिसे अवसर मिले और रिश्वत न ले । लेकिन ऐसे कर्मचारी भी हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-1899465281218685932011-10-18T18:11:11.950+05:302011-10-18T18:11:11.950+05:30भाई जी बधाई आपको !
भ्रष्टाचार को मिटा पाना असंभव ...भाई जी बधाई आपको !<br /> भ्रष्टाचार को मिटा पाना असंभव बात है !<br />सार्थक लेख ! आभार ....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-41189694910622113202011-10-18T18:00:48.036+05:302011-10-18T18:00:48.036+05:30भारत में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी धंस चुकी है क...भारत में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी धंस चुकी है कि इन्हें निकालने के लिए तगड़ी राजनैतिक इच्छा शक्ति चाहिए जो किसी में नहीं है बस इसे उखाड़ फैंकने की सिर्फ बातें ही होती है|<br /><br /><a href="http://way4host.com" rel="nofollow">way4host</a>Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-31593947234199780792011-10-18T16:03:54.681+05:302011-10-18T16:03:54.681+05:30यह बात तो सौ टके सही है कि आजकल घूसखोर बेईमान भी ह...यह बात तो सौ टके सही है कि आजकल घूसखोर बेईमान भी हो गया है.. घूस ले कर काम न करने वालों की तादाद बढ़ रही है.. इसका अच्छा नतीजा कम-स-कम यह तो होगा कि लोग घूस देना बंद कर देंगे क्योंकि काम तो वैसे भी नहीं होना है...<br />और बेरोज़गारी वाली बात आपकी है बिलकुल सही पर अगर बेरोजगारों को रोज़गार मिल गया तो चुनावों में नेता किस बात का वादा करेंगे? यही तो एक विषय है जिसे सालों से नेताओं ने घुमाया है और वोट इकट्ठे किये हैं...Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-43997417969485824872011-10-18T10:07:24.715+05:302011-10-18T10:07:24.715+05:30यकीनन आपका यह लेख आज भी उतना ही प्रसांगिक है, बल्क...यकीनन आपका यह लेख आज भी उतना ही प्रसांगिक है, बल्कि आज और भी अधिक है... गंभीर चिंतन और स्वयं में परिवर्तन लाने की अत्यंत आवश्यकता है.Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-6403459298604861592011-10-18T09:53:39.325+05:302011-10-18T09:53:39.325+05:30@ अपना चरित्र सुधारना होगा, केवल तब ही वे राष्ट्र ...@ अपना चरित्र सुधारना होगा, केवल तब ही वे राष्ट्र चरित्र के निर्माण की ओर अग्रसर हो सकते हैं। <br /><br />सटीक इसके बिना हम भ्रष्टाचार के समाप्त होने का सिर्फ सपना देख सकते हैं ...बाकी कुछ भी नहीं ...!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-15601414930224266582011-10-18T09:40:39.863+05:302011-10-18T09:40:39.863+05:30वर्तमान में बेरोजगार अधिकतर वे ही हैं जो कामचोर है...वर्तमान में बेरोजगार अधिकतर वे ही हैं जो कामचोर हैं इसलिए भ्रष्टाचारियों का ये विकल्प बन सकेंगे मुझे इस पर संदेह है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-85457553567271501162011-10-17T23:44:31.836+05:302011-10-17T23:44:31.836+05:30कुछ ऐसा ही बाकया अभी मैने भी देखा. बहुत गहरी हैं र...कुछ ऐसा ही बाकया अभी मैने भी देखा. बहुत गहरी हैं रिश्वत की जड़ें.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com