tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post5644912737241879225..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: स्त्री सशक्तीकरण- विमर्शचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-64550496852683544452009-12-22T23:02:50.913+05:302009-12-22T23:02:50.913+05:30हां सच है. प्रगति करनी है तो मां को शिक्षित करना ह...हां सच है. प्रगति करनी है तो मां को शिक्षित करना होगा.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-75542613064828483832009-12-21T17:46:54.959+05:302009-12-21T17:46:54.959+05:30अच्छा समालोचनात्मक और सामयिक पोस्ट है ये.
भाटिया ज...अच्छा समालोचनात्मक और सामयिक पोस्ट है ये.<br />भाटिया जी का विश्लेषण खरा सोना की तरह है.<br /><br />बहुत हुआ स्त्री विमर्श अब <a href="http://sulabhpatra.blogspot.com/2009/12/blog-post_21.html" rel="nofollow">नर विमर्श का इंतज़ार है</a> http://sulabhpatra.blogspot.com/2009/12/blog-post_21.html<br />- सुलभSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-60395868490046289542009-12-20T21:17:44.055+05:302009-12-20T21:17:44.055+05:30राज भाटिया जी ने सच्ची और अच्छी बात की।
पुरुष और...राज भाटिया जी ने सच्ची और अच्छी बात की। <br /><br />पुरुष और नारी एक दूसरे के बिना यदि `आराम से' बिना कुछ miss किए रह ले रहे हों तो मुझे उनमें कुछ असामान्य (abnormal) लक्षण दिखने लगते हैं।<br /><br />पता नहीं मेरी दृष्टि कुछ खराब है शायद।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-84145586556532030392009-12-20T03:47:38.772+05:302009-12-20T03:47:38.772+05:30मै नोकरी पेशा हुं पहले मेरा बिजनेस था, लेकिन बीबी ...मै नोकरी पेशा हुं पहले मेरा बिजनेस था, लेकिन बीबी ने हमेशा घर ही समंभाला है, घर क्या हम सब बाप बेटॊ को सम्भाला है ओए हम भी कभी कभी घर के काम मै हाठ बटा देते है, जब खुब मेहमान आये, या बीबी बिमार हो तो, फ़िर यहां इतना काम भी नही होता, जब मेरा छोटा बेटा पेदा हुआ तो मेरी मां मदद के लिये आई, अब मेरे दोनो बच्चो मै एक साल से भी कम का फ़र्क है, बच्चे रात को तंग करते तो बीबी उन्हे समभालती, सुबह जब मै उठता तो अपने आप चाय नाशता बना कर चला जाता, जो हमारी मां को अच्छा ना लगता, वो खुब बोलती तो कभी कभी मां का मान रखने के लिये बीबी कॊ डांट देता, जब कि हम दोनो को आज तक कोई प्रेशानी नही, यानि हमारे घर मै ना मै आजाद हुं, ना मेरी बीबी ओर ना ही मेरे बच्चे, हम सब आपसी बधन मै बंधे है, मुझे समज नही आता यह आज की कुछ खास नारिया किस तरह की आजादी की बात करती है, ओर किस से आजादी चाहती है?<br />किसी पढी लिखी नारी के लिये यह सब बाते कुछ मायने नही रखती, जब पुरुष या नारी मै गुण होगे तो सब उस की इज्जत करेगे, ओर जिस भी इंसान मै अबगुण होगे वो तो वेसे ही आजाद है क्योकि उसे कोई बुलायेगा ही नही.<br />आप ने बहुत सुंदर लेख लिखा आप का इस से पहले का लेख भी पढुंगा धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-13716021301429234392009-12-19T17:52:59.627+05:302009-12-19T17:52:59.627+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-3984165401647510092009-12-17T17:21:30.415+05:302009-12-17T17:21:30.415+05:30मैने जो कहा था वो सन्दर्भ से ही जुडा था । ये पैरवी...मैने जो कहा था वो सन्दर्भ से ही जुडा था । ये पैरवी करना कि नारी को शिक्षित करो और शिक्षित नारी कि सोच , जीने के ढंग पर ऊँगली उठाना दोनों बाते एक साथ नहीं चल सकती । नारी को मुक्ति नहीं चाहिये क्युकी वो मुक्त ही हैं आप सब बार बार उसको ये बताना चाहते हैं वो मुक्त नहीं हैं ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-32044252165302252312009-12-17T16:39:34.672+05:302009-12-17T16:39:34.672+05:30आपका यह प्रयास एक सार्थक प्रयास है प्रसाद जी, लेकि...आपका यह प्रयास एक सार्थक प्रयास है प्रसाद जी, लेकिन वास्तविकता वही है जो मैंने कही ! जरुरत है मानसिकता बदलने की और मानसिकता यभी बदली जा सकते है जब लोग खूब शिक्षित हो ! खूब शिक्षित से मेरा मतलब वातविक रूप से ज्ञानी, बुदिमानी ! सिर्फ डिग्री लेने से कोई शिक्षित नहीं कहलाता ! इसका एक उदाहरण इस तरह प्रस्तुत कर रहा हूँ ;<br /><br />मेरे एक अजीज मित्र मियामी अमेरिका में रहते है, एक ब्रैंडेड कैमरे बनाने वाली फर्म में इंजिनियर है! बीबी डॉक्टर है! शादी के बाद ही दोनों पति-पत्नी अमेरिका गए थे ! दोनों जने लगभग एक ही उम्र के है ! दोनों ही अच्छे पढ़े लिखे परिवारों से है, जहां पर माताए भी ग्रेजुएट है ! अमेरिका गए करीब १८ साल हो गए ! वहाँ के रंग ढंग के हिसाब से आपसी तालमेल से दोनों घर का कामकाज देखते है( यहाँ की तरह वहा नौकर रखना नामुमकिन जैसा है) ! रत को बीबी खाना पका डिनर करने के बाद छोटे बेबी को सुलाने लगती है तो वह जनाव किचन साफ़ करते है ! सब कुछ इसी तरह ठीक ठाक चल रहा था कि जनाव की माताजी दुसरे बच्चे की डिलीवरी के समय वहाँ पहुँच गई, कुछ दिनों जब उन्होंने वह रंग-ढंग देखा कि बेटा किचन में वर्तन साफ़ कर रहा है तो बस दिखा दिया अपना हिन्दुस्तानी पन, नौबत आ पहुची तलाक तक ! मगर जनाव के पिता समझदार थे, यहाँ से लडकी के पिताको साथ लेकर गए और किसी तरह मामला ठंडा पडा ! <br />अब आप ही बतावो ऐसी पढी लिखी होने का भी क्या फ़ायदा ?पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-23163372752722699602009-12-17T15:55:52.011+05:302009-12-17T15:55:52.011+05:30रचनाजी, शायद आपने taunt के अर्थ में tanch का प्रयो...रचनाजी, शायद आपने taunt के अर्थ में tanch का प्रयोग किया है!<br />यदि आप टांट ही कर रही हैं तो ‘भय’ को उस अर्थ में क्यों नहीं ले रही हैं। यहां भय का अर्थ डर नहीं ‘अंदेशा’ है। आपने सही कहा- शायद मेरी बुद्धि उतनी तीव्र नहीं है कि मैं व्यंग्य और उसका अर्थ समझ सकूं :)<br /><br />अच्छा होता यदि आप शब्दों में न घिर कर मुद्दों पर बात करतीं। खैर... आपने अपनी प्रतिक्रिया दी उसके लिए मैं तहेदिल से आभारी हूं।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-17578534067508961242009-12-17T13:27:43.136+05:302009-12-17T13:27:43.136+05:30श्योर, आप अपने रिस्क पर महिलाओं को निरक्षर रख सकते...श्योर, आप अपने रिस्क पर महिलाओं को निरक्षर रख सकते हैं। और वह रिस्क बहुत ज्यादा है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-46866597433365622042009-12-17T13:04:46.696+05:302009-12-17T13:04:46.696+05:30बहुत अच्छा लगा....तर्कसंगत....बहुत अच्छा लगा....तर्कसंगत....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-7499418440794624512009-12-17T11:31:18.379+05:302009-12-17T11:31:18.379+05:30रचना जी को यह भय है
tanch ko bhay kaa naam dae ka...रचना जी को यह भय है <br />tanch ko bhay kaa naam dae kar tippani ko badal diyaa gayaa ?? <br />usko pehlae samjhae to sahii jo maenae kyaa maera vyang agar aap ko samjh aa jataa to aap usko vivad naa samjthey aur mujhe bhay krant naa bataateyAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-46973180891214024632009-12-17T09:34:02.093+05:302009-12-17T09:34:02.093+05:30अच्छी बात
बहुत बढ़िया __बधाई !अच्छी बात<br /><br />बहुत बढ़िया __बधाई !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-19206072193300546882009-12-17T09:17:20.406+05:302009-12-17T09:17:20.406+05:30एक लड़की पढ़ती है तो एक पूरी पीढ़ी पढ़ती है...
जय...एक लड़की पढ़ती है तो एक पूरी पीढ़ी पढ़ती है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-45861539260345179792009-12-17T06:10:52.494+05:302009-12-17T06:10:52.494+05:30"स्त्री-पुरुष को एक दूसरे का पूरक समझने की बज..."स्त्री-पुरुष को एक दूसरे का पूरक समझने की बजाय प्रतिद्वन्द्वि समझा जा रहा है। "<br />ऐसा निश्चय ही हो रहा है मगर कर कौन रहा है ? निश्चय ही कुछ उन्मुक्त और मोक्ष प्राप्त महिलाए ही न !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-52348538060484615832009-12-16T23:29:19.152+05:302009-12-16T23:29:19.152+05:30परिवार में एक पुत्र शिक्षित होकर खुद शिक्षित होता ...परिवार में एक पुत्र शिक्षित होकर खुद शिक्षित होता है .. जबकि एक पुत्री शिक्षित होकर पूरे परिवार को शिक्षित करती है !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-4035970704729361972009-12-16T22:55:55.259+05:302009-12-16T22:55:55.259+05:30सुंदर प्रस्तुति!सुंदर प्रस्तुति!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-3573981080785168782009-12-16T22:55:17.819+05:302009-12-16T22:55:17.819+05:30अच्छा मुद्दा और तर्कसंगत विश्लेषण।
जारी रखें।अच्छा मुद्दा और तर्कसंगत विश्लेषण।<br />जारी रखें।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-61319374605586488822009-12-16T22:17:03.209+05:302009-12-16T22:17:03.209+05:30... प्रभावशाली प्रस्तुति !!!... प्रभावशाली प्रस्तुति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.com