tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post1220929998366300767..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: मुस्कानचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-61718489058839480382011-08-27T17:13:13.594+05:302011-08-27T17:13:13.594+05:30कुटिल हँसी..महाभारत ..हा!हा! रोचक विषय.कुटिल हँसी..महाभारत ..हा!हा! रोचक विषय.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-53898978394248426002011-08-25T14:15:10.072+05:302011-08-25T14:15:10.072+05:30ब्लोगिंग करना सीख ही रहा हूँ .प्रोफाइल भी भरूँगा.अ...ब्लोगिंग करना सीख ही रहा हूँ .प्रोफाइल भी भरूँगा.अच्छा लिखते हैं आप.वीरेन्द्र नारायण सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/03112004784898777169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-45191438245904360952011-08-25T13:18:00.619+05:302011-08-25T13:18:00.619+05:30Vakai logo ki hansi to kahi kho gai hai shayd isi ...Vakai logo ki hansi to kahi kho gai hai shayd isi liye laughter club khul rahe hai.sehat ke liye yah bhi ek dava hai.<br />pavitra agarwalhttp://bal-kishor.blogspot.com/https://www.blogger.com/profile/11252918558633202477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-35190098712876330482011-08-24T20:29:37.188+05:302011-08-24T20:29:37.188+05:30bahut sunder haasy.......bahut sunder haasy.......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-77846096462848489192011-08-24T15:36:24.232+05:302011-08-24T15:36:24.232+05:30कलम से एक , दो तीन या चार हंसी ही मिली -ये तो बार...कलम से एक , दो तीन या चार हंसी ही मिली -ये तो बारह कड़ी है !ह ..ह..ह..ह..बहुत खूबG.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-85799150933301903692011-08-23T15:16:10.672+05:302011-08-23T15:16:10.672+05:30बहुत अच्छा,शुभकामनायें|बहुत अच्छा,शुभकामनायें|वीरेन्द्र नारायण सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/03112004784898777169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-42806069955274612522011-08-22T21:44:19.047+05:302011-08-22T21:44:19.047+05:30सचिन को भारत रत्न क्यों?
http://sachin-why-bharat...सचिन को भारत रत्न क्यों? <br />http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/एक स्वतन्त्र नागरिकhttps://www.blogger.com/profile/12076990707024302030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-5824198366242414272011-08-22T14:59:36.645+05:302011-08-22T14:59:36.645+05:30जिससे भी मिलें, हंस कर मिलें.....बहुत सुंदर पोस्ट ...जिससे भी मिलें, हंस कर मिलें.....बहुत सुंदर पोस्ट ......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-45646206264737919822011-08-22T11:03:20.347+05:302011-08-22T11:03:20.347+05:30आज कुशल कूटनीतिज्ञ योगेश्वर श्री किसन जी का जन्मदि...आज कुशल कूटनीतिज्ञ योगेश्वर श्री किसन जी का जन्मदिवस जन्माष्टमी है, किसन जी ने धर्म का साथ देकर कौरवों के कुशासन का अंत किया था। इतिहास गवाह है कि जब-जब कुशासन के प्रजा त्राहि त्राहि करती है तब कोई एक नेतृत्व उभरता है और अत्याचार से मुक्ति दिलाता है। आज इतिहास अपने को फ़िर दोहरा रहा है। एक और किसन (बाबु राव हजारे) भ्रष्ट्राचार के खात्मे के लिए कौरवों के विरुद्ध उठ खड़ा हुआ है। आम आदमी लोकपाल को नहीं जानता पर, भ्रष्ट्राचार शब्द से अच्छी तरह परिचित है, उसे भ्रष्ट्राचार से मुक्ति चाहिए। <br /><br />आपको जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-19555460577582606682011-08-21T20:42:29.254+05:302011-08-21T20:42:29.254+05:30हँसी स्वस्थ मन-मस्तिष्क के लिए अत्यंत आवश्यक है. भ...हँसी स्वस्थ मन-मस्तिष्क के लिए अत्यंत आवश्यक है. भले ही कोई मुन्ना भाई के ससुर की तरह हँसे या शोले के गब्बर की तरह या फिर तारे जमीन के ईशान की तरह. अच्छी रचना. बधाई.डॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-86384380017459936002011-08-21T19:06:56.167+05:302011-08-21T19:06:56.167+05:30भाई जी,
आजकल तो हमारे आसपास बड़े उदास
चेहरे लिये ह...भाई जी,<br />आजकल तो हमारे आसपास बड़े उदास<br />चेहरे लिये ही लोग मिलते है ! पता नहीं ऐसा क्या खो गया है<br />इन लोगों का, निश्छल हंसी न जाने कहा खो गई है !<br />बहुत सुंदर पोस्ट आभार आपका !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-72637058599797318352011-08-21T09:43:19.561+05:302011-08-21T09:43:19.561+05:30हंसी पर इतनी प्यारी पोस्ट ..... बहुत बढ़िया :)हंसी पर इतनी प्यारी पोस्ट ..... बहुत बढ़िया :) डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-11293373973888083062011-08-21T08:54:07.561+05:302011-08-21T08:54:07.561+05:30एक मुस्कराहटएक मुस्कराहटArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-44571682482396898232011-08-21T08:44:13.613+05:302011-08-21T08:44:13.613+05:30"सब से खतरनाक हँसी तो स्त्री की होती है जो मह..."सब से खतरनाक हँसी तो स्त्री की होती है जो महाभारत भी करा देती है।"<br />इस पंक्ति पर आपत्ति है। आपने नहीं देखा कि मनीष तिवारी की कुटिल हँसी के कारण आज देश में जन आंदोलन खड़ा हो गया है। कुटिल हँसी किसी की भी हो चाहे वह स्त्री हो या पुरुष महाभारत कराने में सक्षम होती है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-29952949251612746332011-08-21T06:39:21.371+05:302011-08-21T06:39:21.371+05:30हमें तो सबसे ज़्यादा हंसी आ रही है भ्रष्टाचार के म...हमें तो सबसे ज़्यादा हंसी आ रही है भ्रष्टाचार के मुददे पर।<br />पहले कांग्रेस ने बाबा रामदेव को दौड़ा लिया और अब अन्ना ने कांग्रेस को ही दौड़ा लिया। इसमें कॉमेडी भी है और सस्पेंस भी।<br /><br />ख़ैर यह टिप्पणी तो मात्र एक बहाना है ।<br />वर्ना हमारा असल मक़सद तो आपको लिंक थमाना है ।।<br /><br />चुपचाप लिंक थामिए और शेक्सपियर के लिखे के मुताबिक़ हंसते हुए आ जाइये हमारे ब्लॉग पर और हम वहां आपका स्वागत भी मुस्कान से करेंगे और आप चाहें तो हम क़हक़हा भी लगा देंगे।<br />आना ज़रूर , हं ..., भूलिएगा नहीं।<br />आपने बहुत अच्छी जानकारी दी ख़ासकर ऐसे समय में जबकि ज़्यादातर ब्लॉग पर अन्ना से संबंधित पोस्ट ही नज़र आ रही हैं। ऐसे में एक आप हैं और बस एक हम हैं कि ...<br /><br /><a rel="nofollow"><b>ब्लॉग जगत का नायक बना देती है ‘क्रिएट ए विलेन तकनीक‘ Hindi Blogging Guide (29)</b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-55030092984121726902011-08-20T21:07:52.528+05:302011-08-20T21:07:52.528+05:30मुस्कान का विस्तार देख मुस्कान फैल गयी।मुस्कान का विस्तार देख मुस्कान फैल गयी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-64003541731230059452011-08-20T20:42:28.964+05:302011-08-20T20:42:28.964+05:30बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने.......बहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने.......Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-57400620592588850222011-08-20T19:54:24.928+05:302011-08-20T19:54:24.928+05:30मारे मानस पटल पर उस ठहाके में एक क्रूर व्यक्तित्व ...मारे मानस पटल पर उस ठहाके में एक क्रूर व्यक्तित्व की छवि छा जाती है। परंतु यह आवश्यक नहीं कि हर अट्टहास रावणी ही हो। <br /><br />यह हंसना और यह मुस्कुराना <br />अब नहीं रहा वह जमाना ...!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-819767956340018362011-08-20T19:37:24.814+05:302011-08-20T19:37:24.814+05:30मुस्कुराहटें तो सफ़ेद बाघ की तरह विलुप्त होती प्राज...मुस्कुराहटें तो सफ़ेद बाघ की तरह विलुप्त होती प्राजाति की तरह हो गयी है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-13372937859868073812011-08-20T18:50:00.827+05:302011-08-20T18:50:00.827+05:30बड़ा दिलचस्प विषय चुना है भाई जी !
तरह तरह की हंसी...बड़ा दिलचस्प विषय चुना है भाई जी !<br />तरह तरह की हंसी में, हमें तो एक ही हंसी अच्छी लगती है कि हर किसी के साथ खुल कर हंसें, जिससे भी मिलें, हंस कर मिलें! <br /><br />अफ़सोस है कि यही हंसकर मिलाना आजकल कम होता जा रहा है ! जहाँ देखें एक कृत्रिम, बनावटी और व्यावसायिक हंसी से स्वागत होता है, जिसमें परस्पर हंस मिल बैठने की प्रवृत्ति का गला जबरन घोट दिया जाता है !<br /> <br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com