tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post1162358404344644183..comments2024-03-17T19:07:52.863+05:30Comments on कलम: धरोहरचंद्रमौलेश्वर प्रसादhttp://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-77905749963045378422011-09-26T19:42:17.762+05:302011-09-26T19:42:17.762+05:30आदरणीय चंद्रमौलेश्वर जी 'संविधान के सम्मान हेत...आदरणीय चंद्रमौलेश्वर जी 'संविधान के सम्मान हेतु मैं इस विधेयक का विरोध करता हूँ!' - डॉ. रामकुमार वर्मा के इस वक्तव्य से अवगत कराने के लिए धन्यवाद. विचारोत्तेजक वक्तव्य. <br />भाषा के संबंध में सरकार की नीति टालने की ही दिखाई देती है. अन्यथा आज ६१ वर्ष बाद भी वही स्थिति बनी हुई है. किन्तु हिंदी को वह दर्जा नहीं मिल सका जिसकी वह अधिकारिणी है. शब्दकोशों का निर्माण हो चुका है किन्तु वे केवल अलमारियों की शोभा बढ़ा रहे हैं. विभन्न विषयों में हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध हैं किन्तु उन्हें पुरस्कार देकर दबा दिया जाता है. <br />विभिन्न संसाथाओं में हिंदी अधिकारी, अनुवादक, आशुलिपिकों और सहायकों की बड़ी संख्या में नियुक्तियाँ तो हो रही हैं और विभिन्न संघटनों में कर्मचारियों को हिंदी सिखाई भी जा रही है. किन्तु वह भी एक वर्ष की वेतन वृद्धि तक सीमित है. कर्मचारी, यहाँ मतदान की नीति अपनाते हैं. 'पैसा दे वोट लें'. <br />अब तो धीरे-धीरे चलने का परिणाम यह होता जा रहा है कि लोगों के मन में यह बात धीरे-धीरे बलवती होती जा रही है कि अब जब अंग्रजी से काम चल रहा है तो हिंदी की क्या आवश्यकता है? और सरकारी नीतियों से ऐसा लगता है कि वह यही चाहती है. <br />मान लेते हैं कि देश प्रजातांत्रिक है. लेकिन इसकी ओट में देश की जनता को 'भाषाई अफीम' की गोलियाँ खिलाकर सुलाना अन्याय है. किसी एक राज्य को खुश करने के लिए अन्य राज्य के लोगों को भाषाई गुलामी की जंजीरों में जकड़े रखना निर्रथक. निंदनीय है.<br />लगता है अब समय आ गया है, भ्रष्टाचार के विरुद्ध हो रही लड़ाई जैसी ही लड़ाई 'हिंदी' को उसका अधिकार और लोगों को अपनी भाषाओं के प्रति जागरूक करने के लिए करनी होगी.डॉ.बी.बालाजीhttps://www.blogger.com/profile/10536461984358201013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-59859147524804969572011-09-26T14:17:22.487+05:302011-09-26T14:17:22.487+05:30अच्छी प्रस्तुती आभार !अच्छी प्रस्तुती आभार !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-39232627211782369402011-09-25T22:47:51.724+05:302011-09-25T22:47:51.724+05:30गहन विश्लेषण...गहन विश्लेषण...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-55050030423685078082011-09-25T22:26:04.446+05:302011-09-25T22:26:04.446+05:30आदरणीय चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी,
निस्संदेह डॉ. राम ...आदरणीय चंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी,<br />निस्संदेह डॉ. राम कुमार वर्मा जी का यह वक्तव्य अत्यंत महत्वपूर्ण और सर्वथा प्रासंगिक है. सरकारी अलंकरण को त्यागने की ऐसी तेजस्विता के कम होते जाने के कारण भी आज हिंदी दीन-हीन प्रतीत होने लगी है. कभी-कभी तो लगता है मानो अलंकारों और पुरस्कारों के लिए स्वाभिमान से हाथ धोने की होड़ चल रही है इस देश के बुद्धिजीवियों में! <br /><br />सरकारें अब इस तरह का व्यवहार करने लगी हैं जैसे भाषा उनके लिए कोई मुद्दा ही नहीं.RISHABHA DEO SHARMA ऋषभदेव शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09837959338958992329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-81623720490777046622011-09-25T19:59:24.927+05:302011-09-25T19:59:24.927+05:30विचारोत्तेजक।विचारोत्तेजक।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2812607268812599233.post-29121167960428751702011-09-25T19:08:23.771+05:302011-09-25T19:08:23.771+05:30हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा , राजभाषा और अधिकांश की मा...हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा , राजभाषा और अधिकांश की मात्रभाषा भी है ।<br />हिंदी के प्रयोग में शर्म नहीं गर्व करना चाहिए ।<br />ख़ुशी हुई यह जानकर कि प्रधान मंत्री जी ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण दिया ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com